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ब्यूरो रिपोर्ट
एशिया और मध्य भारत की पहली एआरटी सुविधा का वर्चुअली शुभारंभ,
मौसम का मिलेगा सटीक अनुमान, हवा की गति और बादलों की ऊंचाई भी बताएगा
भोपाल। बदलते समय के साथ अत्याधुनिक उपकरणों के चलते मौसम की भविष्यवाणियां अब पहले के मुकाबले आसान हो गई हैं। इसके लिए नित्य नए प्रयोग किए जा रहे हैं। इसी के तहत सिलखेड़ा सीहोर में वायुमंडलीय अनुसंधान परीक्षण स्थल (एआरटी) बनाया गया है। इस केंद्र का गत दिवस पृथ्वी एवं विज्ञान मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने वर्चुअल इसका शुभारंभ किया।
यह एशिया और मध्यभारत की अपने तरह की पहली वायुमंडलीय रिसर्च का पहला केंद्र है। एआरटी सुविधा वायुमंडलीय अनुसंधान और पूर्वानुमान की दिशा में यह प्रयोगशाला काफी महत्वपूर्ण रहेगी। इससे मौसम के सटीक अनुमान मिलेंगे। मानसून में बनने वाले सिस्टम सहित मानसून के पूर्वानुमान को बेहतर बनाने में मदद करेगी। संचालन भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान, आईआईटीएम, पुणे कर रहा है।
100 एकड़ से ज्यादा क्षेत्र में बनी है प्रयोगशाला
यह अत्याधुनिक प्रयोगशाला 100 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैली है। यहां कई अत्याधुनिक उपकरण है, जो मौसम की भविष्यवाणी के लिए काफी कारगर साबित होंगे। इसके तहत ड्युअल-पोल, सी-बैंड डॉप्लर, मौसम रडार, माइक्रोवेव रेडियोमैट्रिक प्रोफाइलर, सीलोमीटर, माइक्रो रेन रडार, डिसड्रोमीटर, 72 मी. ऊंचा मौसम वैज्ञानिकीय टॉवर, वायुविलय मापन आदि लगाए गए है। इससे क्षेत्रीय मानसून प्रक्रियाओं, मौसम एवं जलवायु प्रतिमान, मौसम पैटर्नस को समझने में आसानी होगी। ये उपकरण बारिश लाने वाले बादल, उनकी तेजी आदि का आसानी से पता लगा सकेंगे।

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