पारिस्थतिकी तंत्र की रक्षा करना मनुष्य का प्रथम धर्म – मोहन नागर
दिलीप पाल
पारिस्थतिकी तंत्र की रक्षा करना मनुष्य का प्रथम धर्म – मोहन नागर
मांचना नदी पुनर्जीवन अभियान के तहत कैचमेंट एरिया
आमला.अन्नधारिया के (चिचारा वीरान ग्राम )में जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण पर जल संसद (ग्राम सभा) का आयोजन हुआ। जिसमे सहायक कलेक्टर अंशुमन राज ,मोहन नागर ,अमोल पानकर उपस्थित थे ।वक्ताओं ने अपने उद्बोधन में कहा की घर का जल घर में, खेत का जल खेत में, गांव का जल गांव में , इस प्रकार हम वर्षा जल का संरक्षण कर सकते है। कोरोना काल में ऑक्सीजन का महत्व हमे समझ आया है ,हम पौधा रोपण करके पर्यावरण के साथ जैव विविधता का संरक्षण कर सकते है , कार्यक्रम में जिला उपाध्यक्ष श्री नरेंद्र गड़ेकर ,नरेंद्र प्रसाद सोनी ,जिला पर्यावरण प्रमुख मुलताई श्री घनीराम गढे़कर ,अखिलेश झाड़े, गोपेन्द्र बघेल, निलेश कुमार मालवीय, अरविन्द माथनकर,आकाश लिल्होरे,जयंत धाकड़, दीनानाथ झाड़े, रोजगार सहायक प्रमोद सोनारे आदि उपस्थित थे।
वहीं ग्राम पंचायत अम्बाड़ा में ग्राम सभा आयोजित की गई जिसमें जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामिणो ने अपनी समस्या आई.ए.एस. अंशुमान राज को बताई व साथ ही जंल संवर्धन हेतु ग्राम के पास से ही बह रहे बरसाती नाले पर जगह-जगह स्टाप डेम बनाने हेतु सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु अनुरोध किया ।
अपने संबोधन में आई.ए.एस. आंशमन राज ने कहा
‘’ जल संवर्धन के लिए हमें स्वयं आगे आना होगा प्रत्येक नागरिक जब एक-एक बूंद वर्षा जल को संजोने का प्रयास करेगा तब हम जल संरक्षण के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते है’’
इस मौके पर जिले के पर्यावरणवीद मोहन नागर एवं अमोल पानकर द्वारा जल संवर्धन क्यों और कैसे जैसे ज्वलंत मुद्दो पर ग्रामीणों से चर्चा की जिसमें प्रमुख रूप सरपंच सचिव समेंत रेवाराम हारोड़े, लखनलाल बारपेटे, मलखन सिंह चौहान, कोमल हारोड़े, सुभाष सोलंकी, धर्मराज बरोदे,नर्मदा प्रसाद सोलंकी, धनराज बर्डे, ताराचन्द सूर्यवंशी, प्रहलाद हारोड़े, कसरद सिंह चौहान आदि मौजूद थे।
जल संवर्धन हेतु गायत्री परिवार, अभिनव समाज कल्याण संगठन के सचिव विनोद कुमार बनखेड़े, भूमि सुपोषण अभियान आदि अनेको संगठनो द्वारा सहयोग और श्रमदान हेतु आश्वासन दिया है। गायत्री प्रज्ञापीठ आमला के सह ट्रस्टी बी.पी. धामोड़े व ऋक्षभ पंवार आदि द्वारा नीम के पौधे का वृक्षारोपण कर कार्यक्रम का समापन किया