यज्ञ में पड़ा विघ्न्न, 20 वर्षो से चली आ रही परंपरा खंडित
नवील वर्मा ब्यूरों एससीएन न्यूज इंडिया
बैतूल – बैतूल जिले के पांचवे धाम से मशहूर बालाजीपुरम मंदिर में चैत्र नवरात्रि के समापन दिवस पर प्रतिवर्ष किये जाने वाला माँ भवानी का चंडी यज्ञ इस बार खंडित हो गया। जिसे कर्मकांड के ज्ञाताओं द्वारा अनिष्टकारक माना जा रहा है। बालाजी पुरम के पंडित पंडा स्वामी ने बताया की मंदिर में सामान्यतः पूजा पाठ हवन आदि होते ही रहते है। प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष नवमी पर भी यज्ञ शाला में हवन का आयोजन किया गया था। हवन की प्रक्रिया शुरू होने के 10 मिनट बाद अचानक मधुमखियों ने यज्ञ शाला पर धावा बोल दिया। हवन के लिए बैठे सोशल डिस्टेंस बना चंद लोगों पर हमला कर दिया जिससे अफरा तफरी मच गई किन्तु फिर भी हम यज्ञ पूरा करने की चेष्टा में लगे रहे जैसे तैसे कंबल ओढ़ हवन निरंतर जारी रखने का प्रयास किया किन्तु कुछ मधुमखियां जब हवन कुंड में जा गिरी तो हवन रोकना पड़ा। शायद भगवती की भी यही मंशा हो। लेकिन ये समझ से परे है की इसी क्षण ऐसा कैसे घटित हुआ। जबकि यज्ञ की तैयारियां विगत 3 से 4 दिनों पहले से चल रही थी। वही एक दिन पूर्व ही इसी स्थान पर नहर किनारे सूखे कचरे का ढेर जलाया गया था , लेकिन तब कुछ नहीं हुआ और हवन के जलने से अचानक मधुमखियों ने हमला कर दिया।
20 वर्षो से चली आ रही परंपरा खंडित
पंडा स्वामी ने बताया की 20 वर्षों से सतत प्रतिवर्ष यज्ञ की परंपरा चली आ रही थी जो इस वर्ष खंडित हो गई है , जिसे पुनः शुद्धिकरण करने के उपरान्त किया जाएगा।