scn news indiaबैतूल

कंपनी में कार्यरत मजदूरों के शोषण का मामला थमता नजर नहीं आ रहा

Scn news india

ब्यूरो रिपोर्ट

विद्युत उत्पादन प्लांट सारणी में मजदूरों का किया जा रहा शोषण

विद्युत उत्पादन प्लांट की पेटी कॉन्टैक्टर लोकनाथ कंपनी पर रेलवे लगा रही बार-बार डैमरेज मगर उत्पादन कंपनी इसके लिए जवाबदार लोकनाथ कंपनी पर नहीं कर रही कठोर कार्रवाई

सतपुड़ा प्लांट के सी एच पी मैं ऑपरेशन एवं मेंटेनेंस के कार्य में कार्यरत लोकनाथ कंपनी में कार्यरत मजदूरों के शोषण का मामला थमता नजर नहीं आ रहा
आए दिन कंपनी में कार्यरत 296 श्रमिकों द्वारा हड़ताल कर बोनस एवं शासन एवं वर्क आर्डर द्वारा निर्धारित कैटिगरी के अनुरूप वेतनमान दिए जाने को लेकर हड़ताल एवं प्रदर्शन किया जा रहा है.


प्राप्त जानकारी के अनुसार कंपनी मैं कार्यरत ठेका श्रमिकों को वर्क आर्डर से अनुरूप रखा तो गया है परंतु उन्हें उनके कार्य के अनुसार वेतनमान नहीं दिया जा रहा है वर्क आर्डर के अनुसार फील्ड ऑपरेटर स्किल्ड कैटेगरी में आते हैं मगर उन्हें सेमी स्किल्ड का पैसा दिया जाता है रिगर, कटर ,वेल्डर और इलेक्ट्रीशियन जो कि शासन एवं वर्क आर्डर के अनुसार स्किल्ड कैटेगरी में आते हैं उन्हें भी सेमी स्किल्ड का वेतन मान दिया जाता है इस प्रकार कार्य करने वाले श्रमिकों की संख्या बहुत अधिक है और प्रत्येक ठेका श्रमिक से इस प्रकार लोकनाथ कंपनी एवं प्लांट के स्थानीय अधिकारीयों द्वारा मिलकर प्रत्येक ठेका श्रमिक से लगभग ₹50 प्रतिदिन का गोलमाल पिछले 2 साल से किया जा रहा है।


ठेका श्रमिकों द्वारा हड़ताल के दौरान यही डिफरेंट की राशि बोनस के रूप में मांगी गई तो कंपनी द्वारा इनकार कर दिया गया इसके बाद हड़ताल एवं प्रदर्शन शुरू हुआ जिसके कारण सतपुड़ा प्लांट प्रबंधन को डेमरेज भी लगा परंतु सतपुड़ा प्रबंधन लोकनाथ कंपनी पर कोई कठोर कार्रवाई नहीं की गई बल्कि कंपनी और प्लांट प्रबंधन द्वारा अपना अधिकार मांगने वाले ठेका श्रमिकों पर कार्रवाई करने की नीति तैयार की गई जिसके अंतर्गत उनके द्वारा सीएसपी में एक आदेश चशपा कर बताया गया कि सतपुड़ा प्लांट सरकार का उपक्रम है और इसमें सेवाओं को बाधित करना देशद्रोह की श्रेणी में आता है परंतु यह समझ से परे है कि कोरोना काल जैसे भयंकर समय से लेकर अब तक पूरी इमानदारी काम करने वाले ठेका श्रमिकों को उनकी मेहनत के अनुरूप वेतनमान ना देकर कम वेतनमान देना कौन सी श्रेणी में आता है जबकि इसके लिए भारतीय मजदूर ठेका श्रमिक संघ द्वारा भी कई बार ज्ञापन एवं प्रदर्शन किए जा चुके है