खबर का असर – नगर पालिका ने पीओपी से बनी मूर्तियां बेचने वालो पर हुई कारवाही
जयराम प्रजापति की रिपोर्ट
एससीएन न्यूज इंडिया की खबर का असर एक बार फिर देखने को मिला है। नगर पालिका सारणी द्वारा बाज़ारों में बिकने आई पीओपी प्लास्टर ऑफ़ पेरिस की मूर्ति बेचने वालों पर कारवाही की है। नगर पालिका राजस्व विभाग के अधिकारी हितेश शाक्य ने नगर पालिका अमले के साथ बाज़ार का निरिक्षण किया। और कई दुकानों से पीओपी निर्मित मूर्तियां भी जप्त की एवं चालानी कारवाही की।
बता दे की कल साप्ताहिक बाज़ार कालीमाई में खुले आम प्लास्टर ऑफ़ पेरिस की मूर्ति बेचे जाने के मामले को एससीएन न्यूज इंडिया ने प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया था।
गौरतलब है की पीओपी से बनीं मूर्तियां पर्यावरण के लिए नुकसानदायक होने की वजह से मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा इसकी बिक्री पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगा दिया है । क्योकि ये यह पानी में घुलती नहीं । पीओपी से प्राकृतिक जलस्राेतों की गुणवत्ता भी खराब हाेती है।
जिस हेतु हर साल बोर्ड पीओपी की मूर्तियां न बनाने के आदेश जारी करता है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा पर्यावरण के संरक्षण हेतु सख्ती से नियमों का पालन कराने के निर्देश दिए गए है। बावजूद इसके शहर में धड़ल्ले से मूर्तियों का निर्माण होता है और बाजार में खुलेआम बिक्री होती है।
मिटटी से मूर्तियां बना कर बेचने वाले ठगा सा महसूस कर रहे
बता दे की बाजार में विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है। पीओपी से बनी मुर्तिया बेचने वाले अधिकारियों और मीडिया से बदसुलूकी करते नजर आ रहे है। चोरी तो चोरी उसपर सीना जोरी वाली कहावत बाजार में चरितार्थ हो रहीहै। अधिकारी खाना पूर्ति करते नजर आ रहे है। जबकि अभी भी बाज़ार में सैकड़ों की संख्या में पीओपी निर्मित मुर्तिया देखी जा सकती है। वही जो कुम्हार कारीगर महीनो पहले से मिटटी से बनी मुर्तिया बेचने के लिए मेहनत कर अरमान संजोये और मूर्तियां बनायी । वो अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे है।