साप्ताहिक बाज़ार में प्रतिबन्ध के बाद भी धड़ल्ले से बिक रही प्लास्टर ऑफ़ पेरिस से बनी मुर्तिया
जयराम प्रजापति की रिपोर्ट
काली माई के साप्ताहिक बाज़ार में प्रतिबन्ध के बाद भी धड़ल्ले से प्लास्टर ऑफ़ पेरिस से बनी मुर्तिया बेचीं जा रही है। जब की मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पीओपी की प्रतिमा बनाने पर प्रतिबंध लगाया है। साथ ही मूर्तिकारों को निर्देशित भी किया गया है कि मूर्तिकार पीओपी की प्रतिमाएं नहीं बनाएं, यह प्रतिबंधित है। इनकी बजाय मिट्टी की प्रतिमाएं बनाई जाएं। पीओपी की मूर्ति बनाते मिलने पर मूर्तिकार पर दो साल का प्रतिबंध लगाया जाएगा। इसके बाद भी साप्ताहिक बाज़ार में इन प्रतिबन्ध आदेशों का स्थानीय प्रशासन पालन नहीं करा पा रहा है। और धड़ल्ले से खुलेआम मूर्तिकार आदेश का उल्लंघन कर रहे है।
बाज़ार में विवाद की स्थिति
मिटटी की मूर्ति बनाने वालो ने जताई आपत्ति
बता दे की पीओपी से बनीं मूर्तियां पर्यावरण के लिए नुकसानदायक हैं। यह पानी में नहीं घुलती। इसलिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा पर्यावरण के संरक्षण हेतु सख्ती से नियमों का पालन कराने के निर्देश दिए गए है। गौरतलब है की पीओपी से प्राकृतिक जलस्राेतों की गुणवत्ता खराब हाेती है। जिस हेतु हर साल बोर्ड पीओपी की मूर्तियां न बनाने के आदेश जारी करता है। बावजूद इसके शहर में धड़ल्ले से मूर्तियों का निर्माण होता है और बाजार में खुलेआम बिक्री होती है। ऐसे में नगर पालिका के सामने इस बार भी पीओपी की मूर्तियां की बिक्री को रोक पाना एक चुनौती भरा काम है।
अब देखना ये है की क्या चुनावी व्यवस्तता में अधिकारी पर्यावरण को बचाने में कामयाब होते है या फिर सैकड़ो की संख्या में बिक कर मुर्तिया पर्यावरण के संतुलन को बिगाड़ती है।
इनका कहना है
आप ने बताया है मै अमले को भेज कारवाही करता हूँ।
केके भावसार
स्वास्थ्य निरीक्षक (अधिकारी )
नगर पालिका सारणी