मानव तस्करी के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता -आरोपित अर्चना सैनी सहित फर्जी महिला डॉक्टर एवं अन्य पांच गिरफ्तार
ब्यूरो रिपोर्ट
भोपाल क्राइमब्रांच पुलिस को मानव तस्करी के एक बड़े नेटवर्क को ध्वस्त करने में बड़ी सफलता मिली है। मामले में पुलिस ने भोपाल से पकड़ी गई आरोपित अर्चना सैनी की निशानदेही पर दिल्ली की फर्जी डॉक्टर सहित अन्य पांच लोगो को गिरफ्तार किया है। वही फर्जी महिला डॉक्टर एवं एनजीओ संचालिका सीमा उर्फ शक्ति देवी शक्ति फाउंडेशन ने अब तक 20 बच्चे बेचने की बात कबूली है । पुलिस ने दिल्ली की फर्जी डाक्टर सीमा सहित सभी पांचों आरोपितों को कोर्ट में पेश कर रिमांड मांगी। कोर्ट ने सभी को 5 नवंबर तक रिमांड पर भेज दिया है। वही पुलिस ने इस गिरोह की मदद करने के आरोप में दिल्ली के एक प्राइवेट डॉक्टर को भी पूछताछ के लिए बुलाया है। लिस को आशंका है कि बच्चा बेचने काम में डॉक्टर आरोपित सीमा उर्फ शक्ति देवी की मदद करता था।
पूछताछ में मिली जानकारिनुसार 20 बच्चे बेचने की बात कबूली है । इसमें भोपाल के दो और दिल्ली के तीन बच्चे शामिल हैं। वही लगभग 50 गर्भवतियों के प्रसव कराकर उनके बच्चे भी बेचे गए हैं।
पुलिस को पता चला है कि अर्चना सैनी ने मुंबई की इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के नाम पर कुछ बैंक खाते खोल हैं। इन बैंक खातों में हर दूसरे-तीसरे दिन लाखों रुपये जमा हो रहे थे। पुलिस को आशंका है कि बच्चों को बेचने के कारोबार से मिलने वाली रकम इन खातों में जमा हुई है।
बता दें कि मुख्य सरगना सीमा शक्ति देवी दिल्ली से गिरफ्तार हुई है। निशांत स्वामी, अर्चना सैनी, मुस्कान बानो, सूरज सैनी एवं अर्चना की नाबालिग बेटी को कोलार से गिरफ्तार किया जा चुका है। सरगना सीमा शक्ति देवी खुद को महिला डॉक्टर बताकर गैर कानूनी प्रसव करवाने वालों से मुलाकात करती थी। उन्हें दिल्ली के निजी अस्पतालों में ले जाकर गर्भपात की सुविधा उपलब्ध करवाती थी। इसके बदले रुपये वसूल करती थी। दिल्ली के निजी अस्पताल का संचालक को भी पुलिस साथ लेकर आई है, उससे पूछताछ चल रही है।
शक्ति देवी के कब्जे से क्राइम ब्रांच ने दिल्ली में 2 साल की बच्ची बिट्टू को बरामद किया था। बिट्टू के माता-पिता की जानकारी भी मिल गई है। दोनों की शादी नहीं हुई थी, इसलिए बच्ची शक्ति देवी को सौंप दिया था।
शक्ति फाउंडेशन की आड़ में गोरख धंधा
सीमा ने दिल्ली में शक्ति फाउंडेशन नाम से एक एनजीओ बनाया हुआ था। यह एनजीओ दिल्ली के बाहरी इलाकों में किराए का घर लेकर संचालित किया जा रहा था। यहां केवल गैरकानूनी डिलीवरी एवं अविवाहित महिलाओं का अबॉर्शन करवाया जाता था। छोटे बच्चों को निसंतान एवं अन्य लोगों को बेचकर मोटी रकम कमाई जाती थी।