लक्ष्मण ने काटे सुर्पना के कान नाक रावण ने किया सीता का हरण
दीनू पवार की रिपोर्ट
सांईखेड़ा :- नवयुवक रामलीला मंडल के सदस्यों द्वारा ग्राम के बाज़ार चौक में स्थित रामलीला मंच पर दस दिवसीय रामलीला का मंचन किया जा रहा है रामलीला के छटवे दिन भगवान राम लक्ष्मण माता सीता वनवास के दौरान पंचवटी में विश्राम के लिए रखते है तब सुर्पना को पता चलता है कि दो सुंदर जवान राम लक्ष्मण नाम के एक सुंदर स्त्री सीता के साथ वन में भटक रहे है तब सुर्पना उनसे मिलने जाती है और अपनी शादी का प्रस्ताव राम और लक्ष्मण दोनों के सामने बारी – बारी से रखती है दोनों जब शादी से इंकार कर देते है तो सुर्पना द्वारा माता सीता को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करती है सुर्पना की हरकतों से परेशान होकर लक्षण द्वारा सुर्पना कान नाक काट दिए जाते है
सुर्पना द्वारा सारी घटना अपने भतीजे खरदूषण को बताती है खरदूषण द्वारा अपनी सुर्पना का बदला लेने लक्षण के पास जाते है लेकिन युद्ध के दौरान दोनों मारे जाते है तब सुर्पना वापस आकर रावण को बतलाती है रावण सारी बातें सुनने के बाद राम लक्ष्मण से बदला लेने के मामा मारीच से मदत लेकर मामा मारीच को मृग के वेश में सीता की कुटिया के पास भेजते है सीता माता द्वारा सुंदर मृग को देख भगवान राम से मृग को पकड़ने की ईच्छा जाहिर की भगवान राम द्वारा जंगल में मृग के पीछे चले जाते है काफ़ी देर नही लौटने पर माता सीता लक्ष्मण को राम की मदत के लिए जंगल में भेज देती है।
राम भगवान को ढूंढने जाने से पहले लक्ष्मण द्वारा एक रेखा खींच कर जाते है और माता सीता से कहते है आप इस रेखा को पार मत करना लेकिन कुछ समय बाद साधु के वेश भिक्षा लेने सीता की कुटिया में प्रवेश करने की कोशिश करता है पर लक्ष्मण द्वारा खींची गई रेखा को पार नही कर पाने के चलते माता सीता को बाहर आकर भिक्षा देने के लिए कहते है जैसे हि माता सीता रेखा को पार करती है रावण सीता माता को अपने वाहन में बैठा कर लंका की ओर ले जाता है।