महिला मंडल ने लगाए बदनाम करने की साजिश के आरोप
ब्यूरो रिपोर्ट
शोभापुर स्थित सुजाता महिला मंडल ने कुछ लोगों पर समिति को बदनाम करने के आरोप लगाए है। सुजाता महिला मंडल समिति संचालको ने बताया की उनके द्वारा शोभापुर में सुजाता बुद्ध विहार का संचालन किया जाता है। समिति शासन द्वारा मान्यता प्राप्त है वही समिति के नियमानुसार प्रति तीन वर्षो में समिति के पदाधिकारियों का चयन किया जाता है। समिति का उदेश्य बुद्ध के आदर्शो पर चल कर बौद्ध धर्म का लक्ष्य प्रबुद्ध बनना और निर्वाण तक पहुंचना है।
भगवान बुद्ध समझदारी से जीवन जीने, सेहत का ध्यान रखने, क्रोध न करने, आध्यात्मिक जीवन जीने और किसी भी तरह की हिंसा न करने तथा जीवन में त्याग को अपनाने की सीख देते हैं। तो वही इसके उलट कुछ पूर्व पदाधिकारी भगवान बुद्ध के आदर्शो के विपरीत आचरण कर सोशल मिडिया पर समिति को साजिश के तहत बदनाम करने की कोशिश कर रहे है। जबकि विहार सभी का है। सभी के लिए है। लेकिन विगत वर्ष से समिति के नए गठन से क्षुब्ध पूर्व पदाधिकारी सामंजय के स्थान पर विवाद की स्थिति उत्पन्न करने में लगे हुए है।
समिति को बिना बताये किया बुद्ध धम्म ध्वजारोहण
14 अक्टूबर को तथाकथित महिला पुरुष उपासकों द्वारा 67 वे बुद्ध धम्म प्रवर्तन दिवस पर संचालन समिति को बगैर सुचना दिए शोभापुर कालोनी में स्थित बाबा साहेब आम्बेडकर परिसर में बुद्ध धम्म ध्वजारोहण किया गया।
परिसर में लगा ताला तोडा
इतना ही नहीं सुजाता महिला मंडल समिति द्वारा बौद्ध विहार की सुरक्षा के लिए लगाया गया ताला भी तोड़ दिया। जबकि समिति को सुचना देते तो ताला खोल दिया जाता लेकिन अंहकार के वशीभूत ऐसा किया गया।
सोशल मिडिया पर संस्था को बदनाम करने की साजिश
चूँकि समिति द्वारा यहाँ प्रतिमा की स्थापना की गई है और जिसकी सुरक्षा हेतु उपासना के बाद जब यहाँ कोई नहीं रहता तो इसे सुरक्षा के दृष्टी कोण से बंद कर दिया जाता है। जब ताला तोड़ दिया गया तो समिति ने यहाँ सेंटर लॉक लगा दिया जो उपासना के समय खोल दिया जाता है तो पूर्व पदाधिकारी संस्था को बदनाम करने की नियत से विहार में बाहर बैठ फोटो निकाल सोशल मिडिया पर संस्था को बदनाम करने की साजिश कर रहे है।]जबकि सुचना देने पर समिति ताला खोल देती।
परिसर में फ्लेक्स और शिल्यान्यास पटिका को पंहुचाया नुकसान
वही परिसर में लगे आम्बेडकर के सुविचारों के फ्लेक्स को भी नुकसान पंहुचाया और प्रतिमा स्थापना के वक्त लगी शिल्यान्यास पटिका को भी खरोच दिया गया। जिससे इनकी मानसिकता उजागर होती है।
समिति धार्मिक उदेश्यो को लेकर चलती है। और कोई विवाद नहीं चाहती समन्वय का परिचय दे कर सामाजिक सरोकार के लिए काम किया जाना चाहिए।
समाधान चर्चा से हो सकता है, विवाद से नहीं
हालांकि समिति द्वारा इन सभी घटनाओं की शिकायत पाथाखेड़ा चौकी में की गई है। फिर भी समिति किसी के प्रति दुराभाव नहीं रखती किसी को कोई संशय या शिकायत है तो इसका समाधान चर्चा से हो सकता है। विवाद से नहीं।