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नही काम आये 6 करोड़ रुपये भी ताप्ती का पानी रोकने के लिए, लगातार दूसरी बार की  बारिश में बहा ताप्ती बैराज का एक हिस्सा

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बैतूल से संतोष प्रजापति की रिपोर्ट

  • 6 करोड़ रुपये भी काम नही आये ताप्ती का पानी रोकने के लिए,
  • लगातार दूसरी बार की  बारिश में बहा ताप्ती बैराज का एक हिस्सा,
  • इंजीनियर वागद्रे के एक और भ्रष्ट काम का नतीजा,
  • खुद की जेब भरने के चक्कर मे प्रशासन का पैसा बहा दिया पानी में

मध्यप्रदेश के बैतूल की नगरपालिका जो कि अक्सर विवादों से घिरी रहती है नगरपालिका के भ्रष्टाचार के मामले आये दिन सामने आ रहे है यहाँ  10 वर्ष से अधिक समय से इंजीनियर के पद पर पदस्थ नगेंद्र वागद्रे के भ्रष्टाचार की नई नई कहानियां सामने आ रही है पर नगरपालिका के आला अधिकारी इन पर कार्यवाही करने की बजाये इन्हें उल्टा संरक्षण दिए जा रहे है आपको बता दें कि 6 करोड़ की लागत से नगरपालिका ने ताप्ती नदी पर बैराज बनवाने का निर्णय लिया था जो कि बारिश के  पानी मे लगातार दूसरी बार भी बह गया इसके जवाबदेही इंजीनियर नगेन्द्र  वागद्रे की बनती है।

जिन्होंने बैराज के लिए निर्धारित मापदंड का ध्यान नही रखते हुए अपनी जेब भरने के लिए सांठगांठ कर शासन का करोड़ो रुपया पानी मे बहा दिया ताप्ती बैराज बनाने का उद्देश्य शहर में पेयजल की आपूर्ति किया जाना था ताकि बारिश का पानी रोककर उसे नगरवासियों के घर घर तक पहुँचाया जा सके और जो पैसा प्रतिवर्ष पारसडोह से पानी खरीदने में जो पैसा जाता है उसकी बचत की जा सके पर यहाँ तो ये हाल हो गए है कि 2 माह भी ताप्ती से पानी सप्लाई करने की स्थिति में भी नही है इसका यह अर्थ है कि जो पानी गर्मियों में खरीदा जाता था वह इस बार ठंड में ही खरीदना पड़ जायेगा चूंकि पेयजल की भारी समस्या गर्मियों में देखने मे आती थी अब यह स्थिति है कि इंजीनियर वागद्रे की मेहरबानी से नगरपालिका को 6 करोड़ का चूना तो अलग लगा ही है अब पारसडोह डेम से पानी खरीदने में नगरपालिका को लाखों का नुकसान होगा वह अलग है अब देखना यह है कि कितने दिन यह पानी नगरवासियों के लिए पर्याप्त हो पाता है और इंजीनियर वागद्रे पर बैतूल नगरपालिका के तेजतर्रार छवि वाले सीएमओ क्या कार्यवाही करते है ।

शैलेन्द्र बिहारिया( समाजसेवी)

विनोद (किसान)