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स्व सहायता समूह की जगह माध्यमिक शाला में पदस्थ शिक्षक कर रहा वर्षो से मध्यान भोजन का संचालन-मनमानी उपस्थिति

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ब्यूरो पन्ना प्रिय प्रकाश तिवारी की रिपोर्ट

  • स्व सहायता समूह की जगह माध्यमिक शाला परसवारा में पदस्थ शिक्षक कर रहा वॅषो से मध्यान भोजन संचालित
  • बच्चो की उपस्थित अधिक दर्ज कर शासन को करते हैं गुमराह स्वच्छता का भी नहीं रख रहे शिक्षक ज्ञान*

जनपद शिक्षण केंद्र शाह नगर अंतर्गत ग्राम परसवारा माध्यमिक शाला के एक शिक्षक वर्षों से शाला में मध्यान भोजन संचालित कर रहे हैं ,और मनमाने तरीके से उपस्थिति दर्ज करते हैं। क्योंकि एमडीएम का भुगतान विद्यालय में उपस्थित बच्चों के अनुसार ही मध्यान भोजन संचालकों /महिला स्व सहायता समूहों को किया जाता है।  लेकिन ज्ञात हुआ है कि शासकीय माध्यमिक शाला परसवारा में पदस्थ शिक्षक अशोक दास गुरु वर्षों से मध्यान भोजन योजना का संचालन कर रहे हैं।

जबकि यह नियम विरुद्ध है। वही  बच्चों को भी किस तरह मध्यान भोजन खाकर धालिया धोकर रखनी पड़ रही हैं ये वीडियो में साफ़ दिखाई दे रहा है। जबकि मौके पर शिक्षक भी उपस्थित हैं।

वही फर्जी वाडा उपस्थिति में भी देखने को मिल रहा है , जहाँ विद्यालय में कुल दर्ज उपस्थिति के अनुपात में केवल  30% ही बच्चे उपस्थित मिले । लेकिन शिक्षक द्वारा 75% उपस्थिति दर्ज कर शासन को गुमराह करते हुए मध्यान भोजन का खाद्यान्न एवं राशि प्राप्त कर रहे हैं।

कब तक अधिकारी एवं कर्मचारियों की सांठगांठ पर शासकीय माध्यमिक शाला परसवारा में पदस्थ शिक्षक मध्यान भोजन संचालित कर विद्यालय में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं का भोजन हड़प्पता  रहेगा या कभी प्रशासन  इन पर  गौर करेगा।

दूसरी ओर शासन के लाख निर्देशों के बाद भी अनुपस्थित बच्चों को स्कूल लाने शिक्षक गंभीरता नहीं दिखाते। यही वजह है की शिक्षक भी स्कूल से नदारद  रहते हैं।  क्योंकि जब बच्चे ही विद्यालय में नहीं रहेंगे तो शिक्षक  किसको पढ़ाएंगे।

इसलिए शिक्षक भी प्रधानाध्यापक की शह पर  घरों में आराम फरमाते रहते हैं। यदि विभाग के आला अधिकारी औचक निरिक्षण करे से सारी सच्चाई सामने आ सकती है। जबकि स्कूलो में  नियमानुसार निर्देशों के पालन में व्यवस्थित स्कूल का संचालन कराने संकुल और बीआरसी की भी बड़ी भूमिका है। लेकिन यहाँ जमीनी हकीकत कुछ और ही है।