डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे मामले में सामाजिक न्याय और मौलिक अधिकारों के समर्थन में उतरा सर्व समाज
ब्यूरो रिपोर्ट
- सामाजिक न्याय और मौलिक अधिकारों के समर्थन में उतरा सर्व समाज
- सभी धर्मों के गुरुओं, गणमान्य नागरिकों , वरिष्ट चिंतक और सामाजिक संगठनों ने जताया आक्रोश
- दलित महिला अफ़सर के साथ हुई बर्बरता और अत्याचार का सामूहिक रूप से विरोध किया
भोपाल- बुद्धभूमि महाविहार परिसर, चुनाभट्टी, कोलार रोड भोपाल में मध्य प्रदेश में सामाजिक न्याय की अवहेलना की और मौलिक- मानवीय अधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ़ सभी समाज के वरिष्ट चिंतक,धर्मगुरुओं, गणमान्य नागरिकों, वरीष्ट चिंतक और सामाजिक संगठनों ने सामूहिक रूप से आक्रोश जताया। दलित महिला अफ़सर निशा बाँगरे के साथ हुई बर्बरता और अत्याचार का सभी ने सामूहिक रूप से विरोध किया।
वक्ताओं ने कहा कि मध्य प्रदेश में क़ानून का राज नहीं है, प्रशासनिक व्यवस्था ठप हो चुकी है।
सरकार दलित, आदिवासी और वंचित तबकों के ख़िलाफ़ खुलकर का काम कर रही है। दलित महिला अफ़सर निशा बाँगरे का मामला इसका सबसे ताज़ा उदाहरण है। मध्य प्रदेश में रोज़ाना ऐसी घटनाएँ हो रही है लेकिन वे दबा दी जाती हैं। सभी ने एक स्वर में कहा कि यह सामाजिक न्याय की लड़ाई है और सरकार को हर हाल में झुकना पड़ेगा।
पूज्य भंते शाक्यपुत्र सागर ठीक ने कहा कि निशा बाँगरे के मामले से स्पष्ट है कि मध्यप्रदेश की सरकार पूरी तरह से दलित, आदिवासी और महिला विरोधी है और इसका लोकतांत्रिक मूल्यों में भी कोई भरोसा नहीं है। उन्होंने कहा कि भले ही ये मामला राजनीतिक दिखाई दे रहा है लेकिन यह मामला सीधे तौर पर हाशिये पर तबकों को और पीछे धकेलना का है, जो कि सोची समझी रणनीति है।
वरिष्ठ चिंतक एवं समाजसेवी श्री राजेंद्र कोठारी ने कहा कि यह सरकारकी तानाशाही है। इसका डटकर मुक़ाबला करना होगा। इस सरकार को किसी का भय नहीं है।
फादर आनंद मूटूँगल ने चुनाव के वक्त भी सरकार दलितों के साथ तानाशाही कर रही है, इसका मतलब उसे न दलितों के वोट चाहिए ना आदिवासियों के। यह निश्चित रूप से समाज की अवहेलना है।
सिख समाज के श्री गुरूचरण अरोरा ने ऐसी घटनाओं के ख़िलाफ़ पूरा समाज एकजुट है। पूरे प्रदेश में इसका जमकर विरोध किया जाये।
वरिष्ट सामाजिक चिंतक श्री सतीश पुरोहित ने कहा कि यह किसी एक व्यक्ति या समाज की बात नहीं है बल्कि मानवीय मूल्यों और गरिमा की बात है। इसलिए सर्व समाज सरकार के इस अत्याचारी कृत्य की निंदा कर रहा है।
एडवोकेट कलीम, महासचीव जमियत उलमा मध्य प्रदेश ने कहा कि अन्याय, अत्याचार और सामाजिक असमानता का गढ़ बना मध्यप्रदेश
कार्यक्रम में रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया, जमियत उलमा मध्य प्रदेश, ईसाई महासभा, सर्वधर्म सद्भभावना मंच,अहिरवार समाज संघ, भारतीय बौद्ध महासभा, बुद्धभूमि महाविहार उपासक संघ, मैत्रीय बुद्ध महाविहार उपासिका संघ, रविदासीय संघठन मध्य प्रदेश, लुंबिनी बुद्ध विहार महिला मंडल, अंबेडकर युवा संघठन,अवेरनेश ऑफ एनजीओ एवं विभिन्न संघठन का समर्थन मिला।
इस अवसर पर महाराज राधाकृष्ण, भंते राहुलपुत्र, डॉ मोहनलाल पाटील, महासचिव ,आरपीआई, माधोसिंह अहिरवार, अध्यक्ष,रविदासिया संघठन, राजेश अहिरवार, अध्यक्ष, अहिरवार समाज,अनिल सिरवैया,वरिष्ट चिंतक, हाफिज इस्लाइल बेग, हाजी इमरान, राहुल जाधव, प्रदीप रामटेके, राजु भारतीय,संगीता गोलियां, वंदना मुलताइकर, सुनिता शेजवाल, सुशीला गजभिए, शोभा चहांदे, डॉ आदिल, वैशाली मनहर, नंदनी मेश्राम , डॉ सतीश सोमकुंवर, अनिल वानखेड़े आदि विशेष रूप से उपस्थित थे