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ऐतिहासिक दिव्य अलौकिक विवाह का साक्षी बनेगा भोपाल

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ब्यूरो रिपोर्ट

भोपाल । ब्रह्माकुमारीज भोपाल के ब्लेसिंग हाउस सेवाकेन्द्र द्वारा एक ऐतिहासिक दिव्य अलौकिक विवाह होने जा रहा है जिसमे दुल्हन तो दिखाई देंगी लेकिन दूल्हे राजा अदृश्य शिवपरमात्मा होंगे जिनकी शक्तियां आयोजन स्थल को ऊर्जावान करती हुई अनुभव कराएंगी | बाराती के रूप मे भोपाल के सैकड़ों नगरवासी एवं बाहर से आए हुए अतिथि होंगे |

ब्रह्माकुमारीज संस्थान की माध्यम से बेटियां ब्रह्मचर्य व्रत धारण कर खुद मे दिव्य गुणों की धारणा कर स्वयं एवं विश्व कल्याण के अर्थ ब्रह्माकुमारी के रूप में आजीवन समाजसेवा का संकल्प लेती हैं | सामारोह के माध्यम से  बेटियाँ दृढ़ प्रतिज्ञा लेकर आजीवन समाज सेवा एवं विश्व सेवा के साथ स्वयं का जीवन मे उच्च आदर्शों को स्थापित करने की प्रतिज्ञा लेंगी |

ब्लेसिंग हाउस भोपाल मे उत्सव का माहौल : ब्रह्माकुमारीज ब्लेसिंग हाउस की निदेशिका  बी के डॉ रीना दीदी ने बताया के कन्याओं के समर्पण को लेकर उत्सव का माहौल है | प्रभु समर्पण समारोह का कार्यक्रम होशंगाबाद रोड स्थित वृंदावन गार्डन मे होगा | आयोजन को यादगार बनाने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां की जा रही  हैं |

वरिस्ठ राजयोगिनी दीदियों की उपस्थिति मे होगा समर्पण समारोहसमर्पण समारोह कार्यक्रम हेतु ब्रह्माकुमारीज संस्थान के मुख्यालय माउंट आबू से वरिस्ठ राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी शारदा दीदी का विशेष रूप से भोपाल आगमन हो रहा है इसके अतिरिक्त भोपाल ज़ोन की निदेशिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी अवधेश दीदी मुख्य रूप से उपस्थित रहेंगी | कार्यक्रम में भोपाल ज़ोन की वरिस्ठ राजयोगिनी दीदिया अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगी |

समर्पण की थींम पर होंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम : इस विशेष आयोजन हेतु  समर्पण की थीम पर सुंदर सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ तैयार की गई हैं, जो कार्यक्रम की शोभा में चार चाँद लगायेंगी |

कन्याओं के माता पिता रिश्तेदार रहेंगे उपस्थितकन्याओं के माता पिता अपनी कन्या के समर्पण से बहुत खुश हैं | आयोजन के समय कन्याओं के माता पिता रिश्तेदार उपस्थित रहेंगे | इस अवसर पर वे अपनी कन्या को एक दृढ़ संकल्प के  साथ ब्रह्माकुमारीज संस्था में विश्व सेवा के कार्य हेतु समर्पित करेंगे |

पांच साल सेवाकेंद्र पर रहने के बाद होता है चयन-

राजयोग मेडिटेशन कोर्स के बाद छह माह तक नियमित सत्संग, राजयोग ध्यान के अभ्यास के बाद सेंटर इंचार्ज दीदी द्वारा सेवाकेंद्र पर रहने की अनुमति दी जाती है। तीन साल तक सेवाकेंद्र पर रहने के दौरान संस्थान की दिनचर्या और गाइडलाइन का पालन करना जरूरी होता है। बहनों का आचरण, चाल-चलन, स्वभाव, व्यवहार देखा-परखा जाता है। इसके बाद ट्रॉयल के लिए मुख्यालय शांतिवन के लिए माता-पिता का अनुमति पत्र भेजा जाता है। ट्रॉयल पीरियड के दो साल बाद फिर ब्रह्माकुमारी के रूप में समर्पण की प्रक्रिया पूरी की जाती है। समर्पण के बाद फिर बहनें पूर्ण रूप से सेवाकेंद्र के माध्यम से ब्रह्माकुमारी के रूप में अपनी सेवाएं देती हैं।

 

अब तक 50 हजार ब्रह्माकुमारी बहनें विश्वभर में समर्पित-
वर्ष 1937 में ब्रह्माकुमारीज की नींव रखी गई। तब से लेकर अब तक 87 वर्ष में संस्थान में 50 हजार ब्रह्माकुमारी बहनों ने अपनी जीवन मानव सेवा के लिए समर्पित किया है। ये बहनें तन-मन-धन के साथ समाजसेवा, विश्व कल्याण और सामाजिक, आध्यात्मिक सशक्तिीकरण के कार्य में जुटी हैं। संस्थान द्वारा संपूर्ण भारतवर्ष को 12 विभिन्न जोन में बांटा गया है। इन जोन में एक मुख्य निदेशिका और फिर स्थानीय सेवाकेंद्र में जिला स्तर पर मुख्य निदेशिका होती हैं जो अपने-अपने जिलों में सेवाएं देती हैं। शुरुआत में नई बहनें बड़ी बहनों के मार्गदर्शन में रहती हैं फिर उन्हें नया सेवाकेंद्र खोलने की अनुमति प्रदान की जाती है।

माउंट आबू मुख्यालय में भी साल में एक बार होता है समर्पण समारोह-
ब्रह्माकुमारीज के मुख्यालय शांतिवन में साल एक बार ही बहनों का समर्पण समारोह आयोजित किया जाता है। इसके अलावा जोनल सेवाकेंद्रों, सबजोन सेवाकेंद्रों पर समय प्रति समय अलग से कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। जिनमें बहनों का समर्पण किया जाता है। सभी जगह समर्पण के कार्यक्रम में एक ही प्रक्रिया अपनाई जाती है। जिसमें संस्थान के मुख्यालय से वरिष्ठ दीदी-दादियां शामिल होती हैं।

समर्पण के बाद अपने सेवास्थान पर रहेंगी बहनें-

जिस सेवा स्थान से यह बहनें आती हैं वहीं पर ही वह समर्पण होने के बाद अपनी सेवाएं देती हैं।  ब्रह्माकुमारी बहनें के लिए विशेष शैक्षणिक योग्यता का नियम नहीं है। जो भी बहन संस्थान के नियमों का पूरी तरह से पांच साल तक पालन करती हैं तो वह समर्पित हो सकती हैं।
राजयोग की शिक्षा देना ही मुख्य सेवा-
संस्था की सेवा का मुख्य आधार राजयोग मेडिटेशन की शिक्षा देना है। इसके अलावा संस्था द्वारा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, महिला सशक्तीकरण, जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण, जैविक-यौगिक खेती, नशामुक्त भारत अभियान, जेल में बंदी सुधार, युवा सशक्तीकरण, स्वच्छता अभियान, स्किल डवलपमेंट, पॉजीटिव थिंकिंग आदि सेवाएं सामाजिक कल्याण के लिए की जा रही हैं।
समर्पित होने वाली बी के कुंती बहन  बताती हैं कि मैं बेगमगंज जिला रायसेन की रहने वाली थी लगभग 7 साल पहले रीना दीदी से मुलाकात हुई उनके व्यक्तित्व से मैं इतना प्रभावित हुई कि मैं भी ब्रह्माकुमारीज मे रोज सत्संग सुनने आने लगी | पिछली साल मेरे पिता का स्वर्गवास हो गया | इस घटना से मैं  काफी टूट सी गई | ऐसे कठिन व्यक्त में परमात्मा शिव की शक्तियों ने एवं रीना दीदी के स्नेह प्यार ने मुझमे हौसला भरा | अब मैंने अपना सारा जीवन रीना दीदी के सानिध्य में ब्रह्माकुमारीज मे समर्पित करने का निश्चय किया है |

समर्पित होने वाले बी के आरती बहन कहती हैं कि मैं बीबीए की पढ़ाई कंप्लीट कर चुकी थी | नौकरी करके कुछ अच्छा बनना चाहती थी |  परंतु मुझे नहीं पता था कि एक अच्छी जिंदगी मेरा इंतजार कर रही है | उसी समय मैं ब्रह्माकुमारीज से संपर्क मे आई | धीरे-धीरे राजयोग ध्यान में मन रमने लगा तो पूरी तरह से ब्रह्माकुमारी बनकर विश्व सेवा का मार्ग अपनाया। आज खुद को भाग्यशाली समझती हूं कि मैं परमात्मा शिव की सजनी बनी हूं। यह एकमात्र संस्था है जहां किसी तरह का अंधविश्वास, अंधश्रद्धा नहीं है। यहां दिया जा रहा ज्ञान तार्किक और वैज्ञानिक है। खुद को भाग्यशाली समझती हूं कि समाज के नाम जीवन समर्पित करने की सौभाग्य मिला। मेरे इस निर्णय में माता-पिता और परिजन सभी बहुत खुश हैं |

ब्रह्माकुमारीज ब्लेसिंग हाउस की निदेशिका बी के डॉ रीना दीदी ने समस्त भोपाल वासियों उपस्थित होकर इस  दिव्य आयोजन प्रभु समर्पण समारोह के साक्षी बनने का आव्हान किया है |