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अश्लील नृत्य के खिलाफ सौंपा ज्ञापन -धार्मिक उत्सवों पर बाहरी लड़कियों से कराए जाते है अश्लील नृत्य

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विशाल भौरासे की रिपोर्ट

छत्तीसगढ़ से आई हुई नाबालिक बच्चियों के द्वारा हर्रई विकास खंड में अश्लीलता फैलाने के विरोध में तहसीलदार एवं थाना प्रभारी हर्रई को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में बताया गया कि छत्तीसगढ़ से 40 से 50 की संख्या में नाबालिक बच्चियां हर्रई विकास खंड में आकर गणेश उत्सव ,नवरात्रि पर्व आदि धार्मिक कार्यक्रमो में धार्मिक मंच पर अश्लील गानों पर अश्लील नृत्य करती हैं जिससे कि समाज में अश्लीलता फैलती है साथ ही युवाओं पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है।इनके रोकथाम के लिए क्षेत्र के जनप्रतिनिधियो एवं ग्रामीणों ने तहसील कार्यालय पहुचकर कलेक्टर के नाम तहसीलदार एवं थाना पहुंचकर पुलिस अधीक्षक के नाम ज्ञापन सौंपा।जल्द कार्यवाही की मांग की गई।

हर्रई विकास खंड मे हिंदू संस्कृति को नष्ट करने की नियत

छिंदवाड़ा जिले के हर्रई विकास खंड मे हिंदू संस्कृति को नष्ट करने की नियत से राजनेता व सेठ साहूकारों द्वारा अश्लीलता फैलाने पर जोर दीया जा रहा है। बता दें कि धार्मिक उत्सवों को खराब करने प्रति वर्ष छत्तीसगढ़ से नाबालिक लड़कियों की टोली को बुलाया जाता है। मंच से रासलीला व अश्लील गानों से अश्लील नृत्य कर रही लड़कियों पर नोटो की गाड़ियां उड़ाई जाती हैं । सांसद प्रति निधि विक्रम देहेरिया के अनुसार इस प्रकार के आयोजनों से हिंदुओ की धार्मिक भावना आहत होती है उन्होंने कहा की दुर्भाग्य पुर्ण बात यह है की इस संबंध में पूर्व में भी छेत्र वासियों दौरा प्रशासन को अवगत कराया गया है । परंतु फिर भी यह कार्यक्रम आयोजित होते है। इसका विरोध तहसीलदार एवं थाना प्रभारी हर्रई को ज्ञापन सौंपा कर किया गया। ज्ञापन में कंचन उईके ने बताया की कि छत्तीसगढ़ से 40 से 50 की संख्या में नाबालिक बच्चियां हर्रई विकास खंड में आकर गणेश उत्सव ,नवरात्रि पर्व आदि धार्मिक कार्यक्रमो में धार्मिक मंच पर अश्लील गानों पर अश्लील नृत्य करती हैं जिससे कि समाज में अश्लीलता फैलती है। साथ ही हमारी धार्मिक भावनाए आहत होती है।युवा पीढ़ी पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। इनके रोकथाम के लिए क्षेत्र के जनप्रतिनिधियो एवं ग्रामीणों ने तहसील कार्यालय पहुचकर कलेक्टर के नाम तहसीलदार एवं थाना पहुंचकर पुलिस अधीक्षक के नाम ज्ञापन सौंपा है । ग्रामीणों ने मांग की है की इस ओर प्रशासन गंभीरता से विचार करे। अन्यथा ग्रामीण उग्र प्रदर्शन के लिए बाध्य होंगे।