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विकास के नाम पर अपना घर भर रहा है सरपंच रामचंद्र मोगरकरी -मामला पुलिया निर्माण का

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बैतूल से संतोष प्रजापति की रिपोर्ट

खबर मध्य प्रदेश के जिला बैतूल के ग्राम सेहरा से,, विकास के नाम पर अपना घर भर रहा है सरपंच मोगरकरी ऐसा हम नहीं बोल रहे हैं बल्कि ग्राम के ग्रामीणो  का कहना है और वह ऐसा क्यों ना कहे हमने जब उमर डोह,तप झिरा स्थित विगत चार माह पूर्व जो पुलिया निर्माण की गई वहां धरातल पर जाकर देखा तो ग्रामीण द्वारा रामचंद्र मगरकर के संबंध में जो कहा जा रहा है वह शत प्रतिशत सत्य नजर आ रहा है।

यह कार्य ग्राम पंचायत द्वारा रोजगार गारंटी से कराया जाना था वह कार्य ठेकेदार दिलीप बोरबन निवासी भैसदेही,को ठेके पर देकर ठेकेदार द्वारा बाहर से मजदूर बुलाकर कार्य कराया गया है। इस पुलिया निर्माण कार्य बेहद ही घटिया स्तर का है इस पुलिया निर्माण में घटिया स्तर की सामग्री का उपयोग किया गया है निर्माण कार्य के दौरान,घटिया,कार्य के संबंध में जब ग्रामीणों द्वारा इसकी शिकायत की गई यहां तक की ग्रामीणों द्वारा जिला पंचायत अधिकारी को मौके से फोन लगाकर बताया गया कि वह तुरंत किसी अधिकारी को भी जाकर जांच करें कि यहां पर निम्न स्तर की सामग्रियों से पुलिया का निर्माण कार्य किया जा रहा है परंतु जिला पंचायत अधिकारी ने जहमत तक नहीं उठाई कि वे मौके पर किसी अधिकारी को भेजकर जांच करावे जब ग्रामीण द्वारा घटिया पुलिया निर्माण के संबंध में लगातार शिकायत की जा रही तो सरपंच रामचंद्र के संरक्षण में ठेकेदार दिलीप बोरबन द्वारा,एक ही दिन में आनन फानन, में यह पुलिया निर्माण कार्य पूरा कर दिया गया ।

इस पुलिया पर रेलिंग की कोई व्यवस्था नहीं की गई है जिसके कारण आए दिन जानवर इस पुलिया से नीचे गिरते हैं इस पुलिया मैं डस्ट,का उपयोग किया गया है पुलिया पर जो छत डाला गया है वह मंत्र 2 इंच का है तथा यह पुलिया चार माह पूर्व बनी है जो अब जगह-जगह से टूट रही है तथा छत नीचे बैठ रहा है यह पुलिया कभी भी ढह सकती है। सबसे ज्यादा आश्चर्य की बात यह है कि सरपंच रामचंद्र से ग्रामीणों द्वारा लगातार विरोध करने के बाद भी उसने यह पुलिया निर्माण कार्य नहीं रुकवाया साथ ही ठेकेदार दिलीप गोरबंद द्वारा पुलिया निर्माण में इस्तेमाल की जा रही घटिया सामग्री के विषय में भी विरोध तक नहीं किया तथा सरपंच की देखरेख में ही यह पुलिया निर्माण कार्य पूर्ण हुआ है,

इस पुलिया की निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत है और यह सारे कार्य सरपंच रामचंद्र द्वारा कराए गए हैं तथा इस पुलिया में लाखों रुपए का भ्रष्टाचार हुआ है। इसके अलावा इस गांव में एक और पुलिया है जो हर बरसात में बह जाती है तथा प्रत्येक वर्ष ग्राम पंचायत इस पुलिया निर्माण के लिए लाखों रुपए की,मद शासन से प्राप्त करती है तथा घटिया निर्माण कर लाखों रुपए का भ्रष्टाचार कर रही है। पूरे गांव की सड़कें अस्त व्यस्त हो चुकी है तथा हर जगह गड्ढे ही गड्ढे नजर आ रहे हैं।

पूरे गांव में ना ही पानी निकासी के कोई साधन है और ना ही सुरक्षित चलने के लिए सड़क ही बची है। इस समय ग्राम सेहरा के नागरिक नारकीय जीवन व्यतीत करने के लिए मजबूर है। इन ग्रामीणों की फरियाद सुनने वाला कोई नहीं है। ग्रामीणों द्वारा जनसुनवाई में अनेकों बार उपस्थित होकर गांव की समस्याओं से कलेक्टर को अवगत कराया गया परंतु उनके कानों पर भी जूं तक रेंग नहीं रही है। इन ग्रामीणों की कौन सुनेगा अब फरियाद कौन है जो इन्हें इस नारकीय जीवन से मुक्ति दिलाएगा। क्या यही है भाजपा का नारा का सच सबका साथ सबका विकास।