बड़ी खबर -ग्रामीण करेंगे आंदोलन, पंच सौपेंगे इस्तीफे करेंगे पंचायत भंग,सफ़ेद हाथी बनी नल जल योजना
विशाल भौरासे की रिपोर्ट
- बैतूल पीएचपी के संरक्षण ग्राम सेहरा में गुणवत्ता विहीन कार्य और भ्रष्टाचार के आरोप ।
- प्रधानमंत्री नल जल योजना को लगाया पलीता।
- नल जल योजना में नजर आया बड़ा भ्रष्टाचार।
- सीएम हेल्प लाइन में शिकायत के बाद भी समाधान नहीं।
- ग्रामीण करेंगे आंदोलन।
- पंच सौपेंगे इस्तीफे करेंगे पंचायत भंग।
मध्यप्रदेश के बैतूल जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर पर बसे गांव सेहरा में प्रधानमंत्री नलजल योजना की हकीकत सामने आ रही है जहाँ नल जल योजना के नाम पर लगभग 1 करोड़ की राशि भारी भ्रष्टाचार होना सामने आया है यहाँ नल जल योजना की पाइप लाइन तो डाल दी गई है साथ ही पानी की,टंकी का निर्माण भी करवा दिया गया है पानी की टंकी निर्माण कार्य में घटिया सामग्री इस्तेमाल करने से पानी की टंकी जगह-जगह से लीकेज हो रही है जिसके कारण पानी की टंकी में पानी भरा नहीं जा रहा है पानी की टंकी मात्र शो पीस बनी खड़ी है, वहीं दूसरी ओर, नलजल योजना के तहत गांव में जो पाइप लाइन बिछाई गई है वह गंदे पानी की निकासी हेतु कच्ची नाली को खोदकर बिछाई गई है जिसके कारण,पाईप लाइन में पीने के पानी की जगह लाइन में गटर का पानी आ रहा है नाली के अंदर वाल्व लगाये गए है जिससे नलों में नाली का पानी भी मिक्स हो रहा है ग्राम सेहरा प्रधानमंत्री नल जल योजना को कार्य रूप देना तथा संचालित कराना पीएचई विभाग के अंतर्गत है परंतु पीएचई विभाग के वर्मा और सहायक वंदना उपराले द्वारा इस योजना को पलीता लगाते हुए नल जल योजना में शासन को लाखों का चूना लगाया गया है। प्रधानमंत्री नल जल योजना में हुए इस बड़े भ्रष्टाचार की शिकायत कई बार ग्रामीणों द्वारा कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री की सीएम हेल्पलाइन पर भी कर दी गई है परंतु कलेक्टर द्वारा इस बड़े भ्रष्टाचार की जांच नहीं करवाई गई है जिससे ग्रामीण काफी आक्रोशित नजर आ रहे है उनका कहना है कि हमारे गांव में प्रधानमंत्री नल जल योजना के तहत किए गए कार्यों की अविलंब जांच कर पीएच विभाग के,दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की जाती है तो हम शीघ्र ही उग्र आंदोलन करेंगे तथा चक्का जाम करेंगे हमारे द्वारा किए जाने वाले आंदोलन की समस्त जवाबदारी प्रशासन की रहेगी।
सभी पंच देंगे इस्तीफा फंग करेंगे पंचायत
पंच रविशंकर धाकड़ एवं अन्य पंचो ने कहा है की इस नल जल योजना को लेकर पुरे गाँव में उत्साह का माहौल था की टोटी खोलते ही झरझर पानी आएगा। लेकिन ग्रामीणों का उत्साह फुर्र हो गया जब नलों से गन्दा पर किडेयुक्त पानी आने की समस्या सामने आई। जिसकी शिकायत करने पर सरपंच सचिव और ग्राम रोजगार सहायक का रटारटाया जबाव मिलता है “ठीक कराएंगे” .
भारी भ्रष्टाचार की आशंका
ग्रामीणों ने इस की शिकायत सरपंच से ले कर जिला पंचायत अध्यक्ष और जिला पंचायत सीईओ से लेकर कलेक्टर तक से की ले किन कोई समाधान नहीं हुआ। यहाँ तक ग्रामीणों द्वारा इसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन में भी की पर वहां भी शिकायत अभी पेंडिंग है। आरोप है कि अधिकारी ग्रामीणों पर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाते है। ग्रामीणों ने जब उक्त समस्या के समाधान हेतु ठेकेदार से शिकायत की तो सुधार करने के बदले कहता है कि -जिसके पास शिकायत करना हो कर दो कुछ नहीं होगा। इसका मतलब साफ़ है कि सारा काम वृहद संरक्षण में चल रहा है।
ढूंढने पड़ते है वॉल
निर्माण कार्य की गुणवत्ता का एक नमूना तब सामने आया जब मीडिया के सामने ग्रामीण पानी की सप्लाई के वॉल ढूंढते नजर आये। काफी देर की मशक्कत के बाद कहीं जा कर कीचड़ युक्त जमीन में दबा वॉल दिखाई दिया। वीडियो देख कर कार्य की गुणवत्ता और गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है। सरकारी नुमाइंदो की मॉनिटरिंग में किस कदर करोड़ों की सरकार की महत्वाकांक्षी योजना में कार्य हुआ है। और किस कदर जनता के पैसो का दुरुपयोग और ग्रामीणों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हुआ है।