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आदिवासियों की चेतावनी – नही बनने देंगे, अगर जबरदस्ती करेगा प्रशासन तो बहेगी खून की नदियां

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बैतूल से संतोष प्रजापति की रिपोर्ट

  • बारंगवाड़ी डेम नही बनेगा अगर जबरदस्ती करेगा प्रशासन तो बहेगी खून की नदियां,
  • आदिवासियों की चेतावनी,
  • प्रशासन घुस कर दिखाए हमारी जमीन में

मध्यप्रदेश के बैतूल में आदिवासियों का उग्र प्रदर्शन देखने को मिला है दरअसल आमला ब्लॉक में आदिवासियो की जमीन पर प्रशासन द्वारा डेम बनाना स्वीकृत हुआ है जिससे 7 गांव के आदिवासियों की पूरी की पूरी जमीन डूब में जा रही है इस बात का विरोध उस क्षेत्र के आदिवासियो द्वारा किया जा रहा है है उनका कहना है कि हमे डेम की आवश्यकता ही नही है हमारे पास सिंचाई से लेकर पानी के सारे साधन पर्याप्त है डेम बनाने से हमे कोई फर्क नही पड़ता है हमे विस्थापित किया जा रहा है जो कि हमे मंजूर नही है हम हमारी जमीनों पर ही रहेंगे डेम बनाना ही है.

तो दूसरी जगह बनाया जाए इस क्षेत्र में 100% भूमि आदिवासी परिवारों की है जलाशय निर्माण से बारंगवाड़ी मोहनढाना,सरेकाडोल भूमकाढाना डोमनाहेटी, मंगारा आसोला कोठिया खेरोढाना सहित दर्जनों ग्रामों के निवासी प्रभावित होंगे साथ ही इस क्षेत्र के आदिवासी समाज के गरीब परिवार जो की वन उपज जैसे महुआ चार हर्रा बेहड़ा आंवला आदि के माध्यम से अपना जीवन यापन करते हैं बेरोजगार हो जाएंगे इसके अलावा डैम निर्माण से डूब प्रभावित या आदिवासी परिवारों को कोई भी फायदा भविष्य में नहीं होने वाला है।

इस बांध के बनने से लगभग 9000 से अधिक जनसंख्या प्रभावित होगी। और इस बांध में जाने वाली जमीन में से अस्सी प्रतिशत से ज्यादा भूमि सिंचित है । आदिवासियों का कहना है कि यदि प्रशासन द्वारा हमारी भूमि पर जबरदस्ती बांध बनाने की कार्यवाही की जाती है तो हम आदिवासी किसी भी कीमत पर बर्दास्त नही करेंगे यदि हमारे खून की नदियां भी बह जाती है तो हमारे समाज को कोई परवाह नही होगी आगे इन्होंने चेतावनी दी है कि बांध बनाने के कार्य हेतु प्रशासन हमारे क्षेत्र में घुसकर दिखाए हम किसी भी हद तक जाने को तैयार है ।