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नैनपुर को जिला बनाने की मांग को लेकर दूसरी बार महाबंद सफल

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अमित चौरसिया की रिपोर्ट 

  • ज्ञापन लेने नही पहुंचे अधिकारी
  • प्रदर्शनकारियों ने किया चक्का जाम
  • अब और उग्र होगा आंदोलन

मण्डला  नैनपुर को जिला बनाये जाने की मांग को लेकर किये गये नैनपुर बंद के आह्वान को आशातीत सफलता मिली। स्वस्फूर्त महाबंद में नगर एवं उपनगरीय क्षेत्र निवारी भी शामिल रहा। कल के इस बंद में नगर के शासकीय अशासकीय विद्यालय भी प्रभावित रहे। जिला बनाओ संघर्ष समिति को नैनपुर, निवारी, मक्के, हीरापुर, अलीपुर, धतूरा, सांगवा, समनापुर के ग्रामीण किसानों का भी समर्थन मिला। किसानों ने दुपहिया वाहन में रैली के रूप में प्रदर्शन स्थल तक पहुंचकर इस आंदोलन को प्रबल बनाया। नगर महाबंद का असर सुबह से ही दिखाई दिया। जहां छोटे बड़े सभी प्रतिष्ठान स्वस्फूर्त बंद रहे। जाहिर है कि नैनपुर को जिला बनाये जाने की मांग को लेकर एक वृहत आन्दोलन पिछले डेढ़ माह से चलाया जा रहा है। जिसमे अलग अलग समय पर हुये प्रदर्शनों के माध्यम से आवाज बुलंद की जा रही है। पिछले एक पखवाड़े में यह दूसरी बार महाबंद का आह्वान था। इसके पहले आसपास के ग्रामीण अंचलों सहित सिवनी और बालाघाट जिले के नैनपुर क्षेत्र से लगे ग्रामीण अंचलों के रहवासियों के समर्थन से प्रदर्शन किये गए है। नगर की महिलाओं ने रक्षासूत्र बांधकर कजरी के गीत गाते हुए गुहार की है। वही आल्हा गीतों के द्वारा अपनी मांग को दुहराया गया। जबकि बीते दिनों कवियों के काव्य पाठ में नैनपुर को जिला बनाये जाने की मांग बलवती हुई।

सभा के बाद सौंपा गया ज्ञापन

महाबंद के दौरान मुख्य मार्ग में एक जंगी सभा का आयोजन किया गया। जिसमें नगर के अलावा ग्रामीण हलकों से भी लोग शामिल हुए। सभा मे वक्ताओं ने नैनपुर के दर्द को बयां करते हुए नैनपुर के साथ हुए छलावे को अपने वक्तव्यों में रखा। बताया गया कि जिला बनाये जाने की जनमाँग दो दशक पुरानी है। भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र में इस वादे के शामिल होने के बावजूद भी मामला कैसे सिफर रहा। नैनपुर की चुनाव सभा मे वोट मांगकर सत्तारूढ़ दल ने कैसे यहां की जनभावनाओं पर कुठाराघात किया। प्रदर्शन में शामिल नगर के सामाजिक, व्यापारिक, राजनैतिक वर्ग के साथ समुदाय विशेष ने भी अपनी बात रखी। नैनपुर को जिला बनाये जाने से क्षेत्र के विकास और नैनपुर के अलावा बालाघाट और सिवनी जिले के दूरस्थ ग्रामो तक जिले की पहुंच बनाकर उसकी दिशा और दशा बदलने की बात कही। सभा के बाद सभी ने एक रैली के रूप में स्थानीय प्रशासन के माध्यम से प्रदेश के मुख्य मंत्री के नाम एक ज्ञापन पुनः सौंपा। जिसमे जिला नही तो वोट नही घोष वाक्य को दुहराया गया।

विमलेश सोनी संयोजक जिला बनाओ संघर्ष समिति

अब और उग्र होगा आंदोलन

वर्तमान में जिला बनाये जाने की मांग को लेकर संघर्ष समिति अपना प्रदर्शन पूर्णतः शांति और अनुशासन के साथ करते आ रही थी। मगर सतत आंदोलनों और प्रदर्शन के बाद भी किसी तरह की कोई पहल न होने से नगर के जनमानस पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ता दिखाई दे रहा है। समिति के सदस्यों ने बताया की अब इस आंदोलन और प्रदर्शन को और तेज किया जायेगा। सड़को पर उतर कर विरोध जताने की तैयारियां की जा रही हैं। जिसके लिए आसपास के किसान संगठन और ग्रामीण समुदाय के अलावा स्थानीय जनमानस अब सड़को पर आकर प्रदर्शन करेगा। जिसकी प्रारंभिक रूप रेखा को अंजाम दिया जा रहा है।

 SDM नैनपुर

ज्ञापन लेने कोई नही आया तो आंदोलनकारियों ने किया चक्का जाम
इसी बीच देर शाम जब सभा के बाद आंदोलनकारी रैली के रूप में ज्ञापन सौंपने के लिये स्थानीय प्रशाशन के पास पहुंचे। तो ज्ञापन लेनी कोई नही पहुंचा। एस डी एम और तहसीलदार दोनों ने अपने आपको नगर से बाहर बताकर ज्ञापन लेने से असमर्थता जाहिर की। इसी बात से आंदोलनकारी कुपित हो गए और स्थानीय थाने के सामने अघोषित चक्का जाम कर दिया। इससे सड़क के दोनों ओर लंबा जाम लग गया। प्रदर्शन कारियो का आरोप था कि लगातार चल रहे शांतिपूर्ण इस आंदोलन पर गैर जिम्मेदाराना कार्यवाही ही इस आंदोलन को उग्र बनाने मजबूर लरा रही है। चक्का जाम घंटो तक चलता रहा। प्रदर्शनकारी अपना ज्ञापन सौंपने जबाबदार अधिकारियों की उपस्थिति पर अड़े हुए है । अंततः मौके पर एसडीएम पहुंचने के बाद आंदोलनकारी ने चका जाम समाप्त किया