कबड्डी चयन के नाम पर बच्चों के भविष्य से किया जा रहा खिलवाड़
बैतूल से संतोष प्रजापति की रिपोर्ट
- कबड्डी चयन के नाम पर बच्चों के भविष्य से किया जा रहा खिलवाड़,
- मेट की जगह कीचड़ में किया जा रहा है चयन,
- जान जोखिम में डालकर खेलने को मजबूर है खिलाड़ी
मध्यप्रदेश के बैतूल में जिला मुख्यालय पर जिला स्तरीय खिलाड़ियों का संभाग स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता हेतू चयन किया जा रहा है पर यह दुर्भाग्य का विषय है कि जिला मुख्यालय पर सारी सुविधाएं होने के बावजूद बच्चों की जान जोखिम में डालकर कीचड़ एवं फिसलन भरे ग्राउंड में कबड्डी खिलाई जा रही है जिससे ग्राउंड में फिसलन एवम कीचड़ होने के कारण प्रतिभावान खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का सही रूप से प्रदर्शन नही कर पा रहे है हम इस बात के साक्षि है कि हमारे सामने ही कई बच्चे फिसल कर चोटिल हो चुके हैं।
सुमित्रा पंवार( पीटीआई )
इस संबंध में जब बाहर से आई टीमों के कोचो से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह प्रतियोगिता मैं हमारे खिलाड़ी चोटिल हो रहे हैं तथा वह अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं इस संबंध में जब खेल जिला प्रभारी धर्मेंद्र पवार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमें शासन का निर्देश है तथा उनके द्वारा निर्धारित की गई तारीखों पर ही हमें यह प्रतियोगिता कराना पड़ रहा है कुल मिलाकर जल्दबाजी के चक्कर में एवं निर्धारित तिथि के अनुसार प्रतियोगिता कराने में बच्चों की जान को जोखिम में डाला जा रहा है यदि कोई बच्चा गंभीर रूप से घायल होता है।
तो उसके लिए एंबुलेंस एवं इलाज की व्यवस्था खेल विभाग द्वारा की जा रही है जिले में अगर ऐसी जान जोखिम में डालते हुए प्रतियोगिताएं कराई जाती है तो कुछ समय बाद सारे खेल लुप्त होने के कगार पर रहेंगे ऐसी स्थिति रही तो कौन से परिजन अपने बच्चों को खेल के लिए आगे बढ़ने देंगे वही बच्चे पुलिस और आर्मी की नौकरी पाने के लिए खेल में अपनी रुचि दिखाते हैं यदि इस तरह जान जोखिम में डालकर बच्चे गंभीर रूप से चोटिल हो जाते हैं और शरीर के किसी अंग में फेक्चर आ जाता है या विकलांगता आ जाती है तो फिर ऐसी भर्ती के लिए वे अक्षम हो जाएंगे और उनका खेल से जुड़े होने का कोई भी फायदा उन्हें मिल ही नही पायेगा और इन सब बातों का जिम्मेदार खेल विभाग ही होगा।
जीआर कापसे ( घोड़ाडोंगरी ब्लॉक प्रभारी)
धर्मेंद्र पंवार( जिला खेल प्रभारी)