शिक्षक मदनलाल डढोरे मासूम बच्चों से करा रहा है काम ,सरकारी स्कूल गौठाना,का मामला
संतोष प्रजापति की रिपोर्ट
बैतूल ।जहां एक और सरकार पढ़ने वाले बच्चों के प्रति पूर्ण रूप से संवेदनशील होकर उनके शैक्षणिक विकास हेतु हर संभव प्रयास कर रही है वही मदनलाल डढोरे जैसे शिक्षक बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं मामला गोठाना स्थित सरकारी स्कूल का है जहां पर मासूम बच्चों से फावड़ा चलवा कर तसले में गिट्टी भरवाकर स्कूल ग्राउंड में डलवाया जा रहा था जब यह वीडियो पत्रकारों तक पहुंचा तो वह जानकारी एकत्रित करने स्कूल पहुंचे तब स्कूल प्रभारी मदनलाल डढोरे ने पत्रकारों के सामने ही एक छात्र को बुलवाकर पत्रकारों के लगातार मना करने के बावजूद चाय लाने के लिए उसे स्कूल के बाहर भेजा तथा इस छात्र से पानी बुलवाया तथा स्कूल की घंटी बजवाई जब पत्रकारों द्वारा वीडियो दिखाते हुए,बच्चों से स्कूल में काम करने के बारे में पूछा तो मदनलाल ने पहले कहा कि मैं वीडियो का विरोध नहीं कर रहा हूं तथा जमाने भर की कसमें खाते हुए बाद में अपनी बात को सुधारते हुए कहा कि बच्चों के साथ-साथ स्कूल के टीचर भी काम कर रहे थे यहां पर हम आपको यह बता दे कि जिस दिन यह वीडियो बनाया गया था उस दिन मदनलाल स्कूल में नहीं था तब पत्रकारों ने कहा कि यह काम आप मजदूरों से भी करा सकते थे तो उसने सफाई देते हुए कहा कि वह दो माह से मजदूर ढूंढ रहा था परंतु उसे मजदूर नहीं मिला है मदन लाल की सारी दलीलों से यह बात तो स्पष्ट हो गई है कि वह अपने स्कूल के मासूम बच्चों से फावड़ा चलवा कर गिट्टी बिछाने का काम करा रहा था।
पत्रकारों के सामने ही मासूम बच्चों से खाने के बर्तन धुलवाए
जिस समय पत्रकार इस सरकारी स्कूल में पहुंचे तब बच्चों के खाने का समय हो चुका था पत्रकारों की उपस्थिति में ही बच्चों से खाने के बर्तन हैंड पंप से धुलवाए पत्रकारों द्वारा इस बात का विरोध करते हुए मदनलाल डढोरे से कहा कि आपके द्वारा बच्चों को बर्तन धोने लगाया जा रहा है तो उसने कहा कि मैं भोजन बनाने वाले समूह को बच्चों से बर्तन धुलाने का मना किया तो वह सुनते नहीं है क्या अब मैं उन्हें लठमारू कुल मिलाकर इस सरकारी स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के बजाय उनसे काम कराया जा रहा है और इसकी सारी जवाबदारी यहां के प्रभारी मदनलाल,डढोरे की बनती है।
मदनलाल डढोरे को नेतागिरी करने का शौक
देखने में यह आया है कि मदनलाल डढोरे बच्चों को पढ़ाने एवं स्कूल की व्यवस्था देखने के बजाय नेतागिरी करते हुए अक्सर स्कूल से बाहर रहता है जब भी कोई नेता बैतूल आता है तो यह एक गुलदस्ता लेकर पहुंच जाता है तथा नेता को गुलदस्ता देकर फोटो खिंचवाकर सोशल मीडिया पर डालता है कहीं भी कोई भी कार्यक्रम हो यह आपको हाथों में गुलदस्ता लेकर उस कार्यक्रम में अवश्य नजर आएगा,इसे नेतागिरी का काफी शौक है बताया जाता है कि इसने पिछले विधानसभा चुनाव में बैतूल से चुनाव,लड़ने का मन बना लिया था इसकी यह गुलदस्ता देने की बीमारी से बैतूल के स्थानीय नेता एवं इसका पूरा ,समाज इससे आक्रोशित है देखने में आया है कि यह अपनी गाड़ी की डिक्की में हमेशा एक गुलदस्ता लेकर चलता है ।
अब देखना यह है कि जिला शिक्षा अधिकारी जो की स्कूल में बच्चों से काम कराने के सख्त खिलाफ है इसी तरह के एक मामले में 8 दिन पूर्व सदर की एक शिक्षिका के खिलाफ इनके द्वारा कठोर कार्रवाई की गई है वे स्कूल में बच्चों से काम कराने वाले मदनलाल डढोरे के खिलाफ क्या कार्रवाई करते हैं ? ,