शासकीय हाई स्कूल मांझीपुर में मनाया गया मानव तस्करी के खिलाफ दिवस विश्व दिवस
ओमकार पटेल की रिपोर्ट
30 जुलाई मानव तस्करी के खिलाफ दिवस विश्व दिवस संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित दिवस है। मानव तस्करी नशा व्यापार, हथियार व्यापार के बाद तीसरा बड़ा व्यापार है। मानव तस्करी गैरकानूनी गंभीर अपराध है जिसकी रोकथाम के लिये सरकार ने कई कानून बनाए हैं एवं कई संस्थाए मदद तो कर रही है लेकिन यह नाकाफी साबित हो रहा है जब तक मानव समाज उसके प्रति संवेदशील नही होगा शायद सफलता हाथ नही लगेगी। मानव तस्करी के जरिए मासूम जिंदगियों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता है। हर उम्र और हर पृष्ठभूमि के पुरुष, महिलाएं और बच्चे इस अपराध के शिकार हो सकते हैं विस्थापन और सामाजिक-आर्थिक असमानताओं के कारण बच्चे तस्करों के शोषण का शिकार हो रहे हैं।
जो लोग गरीबी में रहते हैं, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं तक सीमित पहुंच रखते हैं, भेदभाव, हिंसा या दुर्व्यवहार का सामना करते हैं.
या हाशिए पर रहने वाले समुदायों से आते हैं, वे अक्सर तस्करों के प्राथमिक लक्ष्य होते हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, हर दिन 8 बच्चों की भीख मांगने, यौन शोषण जैसे उद्देश्यों के लिए तस्करी की जाती है। हमें मानव तस्करी के विषय पर सभी को संवेदनशील बनाना चाहिए और इस प्रकार उन लोगों का ध्यान आकर्षित करना चाहिए जो रोकथाम के उपायों को मजबूत करने, पीड़ित की पहचान में सुधार, उत्तरजीवी सहायता बढ़ाने के लिए बदलाव ला सकते हैं। इसी विषय पर चर्चा करने के लिये शासकीय हाई स्कूल मांझीपुर में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन गया।
कार्यक्रम में सत्यनारायण डेहरिया जिला समन्वयक आवाज जन कल्याण समिति, श्वेता परते तिवारी, न्यायाधीश तहसील न्यायालय बिछिया, स्कूल के समस्त शिक्षक एवं बच्चे उपस्थित रहे।