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ब्रह्माकुमारीज ब्लेसिंग हाउस में व्यापार एवं उद्योग प्रभाग के लिए सेमीनार सम्पन्न

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ब्यूरो रिपोर्ट

ब्रह्माकुमारीज ब्लेसिंग हाउस में व्यापार एवं उद्योग प्रभाग के लिए सेमीनार सम्पन्न

निर्णय क्षमता एवं सही स्ट्रेटजी से व्यापार मे सफलता – डॉ. प्रेम मसंद

भोपाल -ब्रह्माकुमारीज ब्लेसिंग हाउस भोपाल में आज व्यापार एवं उद्योग प्रभाग से जुड़े लॉगिन के  लिए “आंतरिक शक्तियों द्वारा ब्यापार में सफलता“ विषय पर सम्मेलन का आयोजन किया गया |

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता ब्रह्माकुमारीज माउंट आबू से पधारे बी के डॉ प्रेम मसंद जी ने कहा कि बिजनेस में मेरा रोल क्या है यह समझने से रिस्पांसिबिलिटी आ जाएगी | हम जो भी करना चाहते हैं उसका मैप अंदर क्रिएट करें | अंदर क्रिएट करेंगे तो बाहर भी अच्छा हो जाएगा | बिल गेट्स ने कहा था अगर आगे बढ़ना है तो दूसरों को इंपावर (सशक्त) करो | पहले टीम अच्छी करो | इन्वेस्ट इन योरसेल्फ | जब तक मैं खुद में इन्वेस्ट नहीं करता तब तक सफल नहीं हो सकता | खुद में इन्वेस्ट करना अर्थात सुबह उठकर संकल्प को पॉजिटिव करें स्वास्थ्य के प्रति ध्यान दें , मेडिटेशन करें |

ऑर्गेनाइजेशन में मैन,मनी, मटेरियल, मशीनरी यह चार चीजे होती है,  मन अर्थात कलेक्शन ऑफ पीपल (व्यक्तियों का समूह) अर्थात कलेक्शन ऑफ थॉट्स (विचारों का  संग्रह ) | सब अपने-अपने विचार को  लेकर आ रहे हैं | थॉट, मटेरियल, मशीन, प्रोडक्ट, प्रॉफिट | पहले अपने अंदर जाकर थॉट्स को पावरफुल करना होगा यदि व्यक्ति पावरफुल है तो प्रोडक्टिविटी बढ़ेगी | यदि व्यक्ति  थका हुआ है तो प्रोडक्टिविटी नहीं दे पाएगा |

सक्सेस (success )में  पहला अक्षर है एस (S) अर्थात सेट योर गोल | कंपनी शुरू की तो ए लेवल पर थी | बी लेवल है जब सब कुछ अच्छा चलने लगा, प्रोडक्शन होने लगा | सी लेवल है सैचुरेशन आने लगा ,कंपटीशन चालू हुआ | उस कंपटीशन में मेरे को क्या करना है वह सीखना पड़ता है | डी लेवल डिक्लाइन – जब  जब प्रोडक्ट का सिचुरेशन हो जाता है तो प्रोडक्ट डिक्लाइन होने लगता है उस समय या तो हम मार्केट से बाहर हो जाते हैं या क्रिएटिविटी के द्वारा या दूसरों से गठबंधन करके हम पुनः अपने आप को खड़ा कर सकते हैं | सक्सेस का दूसरा शब्द है अच्छा है यू (U) यूटिलाइज योर रिसोर्स अर्थात अपने पास के संसाधनों का सदुपयोग करना सीखें | तीसरा शब्द है सी (C) अर्थात क्रिएटिविटी जब हम अपने को समय देते हैं तो क्रिएटिविटी आती है | जब हम देखते हैं आब्ज़र्वैशन करते हैं तो क्रिएटिविटी आती है | डिमांड क्या है सप्लाई क्या है यह सोचो और इसको समझना है| हमेशा सोचना है कि क्या नया करूँ |

सक्सेस में अगला अक्षर है सी (C) अर्थात  check & change अपने आप को रोज चेक करें एवं अपनी कमियों को चेंज करते रहें | अगला अक्षर है ई  (E ) अर्थात एक्सपांड अगर सब ठीक चल रहा तो फिर एक्सपांड करो | एक्सपाँसन की सोचो, अपने बिजनेस को इंजॉय से करो, प्यार से करो |  रोज सुबह अपने से पूछो कि आज के दिन मुझे क्या करना है आज का दिन मुझे क्यों दिया गया तो उत्तर आता है | अपने काम से प्यार करो अपनी जॉब में जो भी कर रहे हो प्यार से करो सक्सेस का अगला शब्द है एस (S)-स्किल जब प्यार से करते हैं स्किल को टॉप मोस्ट डेवलप करें | लास्ट अक्षर है एस (S)-स्ट्रेटजी अर्थात काम को करने से पहले स्ट्रेटजी अच्छी होगी तो सफलता मिलेगी | स्किल 20 प्रतिशत सफलता देती है जबकि स्ट्रेटजी 80 प्रतिशत सफलता देती है | मेरे डिसीजन ही मेरे भाग्य का निर्माण करते हैं डिसीजन, थॉट  के आधार पर होते हैं | कैचिंग पॉवर की भी आवश्यकता है पहले हम अपने अंदर साइलेंस को डिवेलप करें | कितना भी कमाया लेकिन हम अपनी हेल्थ को ठीक रखें तो प्रोडक्टिविटी बढ़ेगी |

इस अवसर पर वरिष्ठ समाजसेवी गोविंद गोयल जी उपस्थित थे उन्होंने अपने माउंट आबू प्रवास का अनुभव साझा किया एवं ब्रह्मा कुमारीज मुख्यालय की व्यवस्थाओं की सराहना की | डॉ प्रेम मसंद जी ने सभी उपस्थितों को ऐक्टिविटी के द्वारा म्यूज़िकल एक्सर्साइज़ भी कराई |

ब्लेसिंग हाउस सेवाकेन्द्र निदेशिका बी के डॉ रीना दीदी ने कहा कि व्यापारी वर्ग को दैनिक दिनचर्या में अनेक परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है | उन्हे अनेक लोगों के संपर्क मे आना पड़ता है | ऐसे में राजयोग के अभ्यास से नियमित कुछ समय के लिए परमात्मा से शक्तियां लेकर वे अपने आप को सशक्त कर सकते हैं | साथ ही औरों को इस विधि से लाभान्वित  कर सकते हैं | रीना दीदी ने सभी को राजयोग मेडिटेशन द्वारा शांति की अनुभूति भी कराई |इस अवसर पर नासिक से पधारी  बी के छाया बहन ने एक्सरसाइज को प्रैक्टिकल विधि से सिखाया।