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कांग्रेस के पुतला दहन मे आपत्तिजनक सामग्री मामले मे अब भाजपा ने पुलिस अधिक्षक को ज्ञापन सौंप कार्रवाई की कि मांग

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ब्यूरो रिपोर्ट
सारनी : नगरपालिका सारनी के समक्ष ब्लॉक कांग्रेस सारनी के पुतला दहन मे निकली आपत्तिजनक सामग्री की आग पुतला दहन के 4 दिन बाद भी रह रहकर सुलग और धधक रही है।
विदित हो की कॉग्रेस के जिला ग्रामीण अध्यक्ष हेमन्त वागदरे समेत जिला पदाधिकारियों की उपस्थिति मे ब्लॉक कांग्रेस सारनी द्वारा 18 जुलाई को एसडीओपी सारनी,थाना प्रभारी सारनी,सीएमओ सारनी के समाने नगरपालिका के समक्ष कार्यकर्ताओ,मीडिया की मौजूदगी मे नारेबाजी कर भ्रष्टाचार का पुतला दहन किया गया इस दौरान अधजले पुतले के जमीन पर गिरते ही उसमे भरी गई आपत्तिजनक सामग्री सड़क पर बिखरते ही आधिकारी हतप्रभ हो गए,शीघ्र ही इस मामले के चित्र सोशल मीडिया और लोकल इलेक्ट्रोनिक चैनल पर प्रकाशित होते ही, भाजपा ने इसे नारी सम्मान से खिलवाड़ निरूपित कर कांग्रेस को कटघरे मे खड़ा करते हुए दुसरे ही दिन विधायक योगेश पंडाग्रे की उपस्थिति मे महिला मोर्चा के नेतृत्व मे थाना प्रभारी को ज्ञापान सौंप कार्रवाई की मांग करते ही पुलिस द्वारा सारनी ब्लॉक अध्यक्ष समेत 9 लोगो पर 294 के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया।
मामला पंजीबद्ध होते ही कांग्रेस ने इसे साजिश करार देते सत्तापक्ष के दबाव मे प्रकरण बनाने का आरोप लगाते हुए प्रकरण वापस ले भाजपा नेताओं पर कारवाई की माग का ज्ञापन एसडीओपी सारनी को सौंपकर पुतला दहन की आग को बुझाने के बजाय राजनितिक रुप से और भी भड़का दिया।
जिसके बाद शनिवार को भाजपा ने जिला पदाधिकारियों की उपस्थिति मे पुलिस अधिक्षक सिद्धार्थ चौधरी को ज्ञापन सौंपकर कांग्रेस के पुतला दहन मे निकली आपत्तिजनक सामग्री के मामले मे स्थानीय पुलिस प्रशासन पर जिम्मेदार जिला और बड़े पदाधिकारियों को छोड़ आनन फानन मे छोटे कार्यकर्ताओ पर तथा सामान्य धाराओं मे प्रकरण बनाकर मामले को रफादफा करने का आरोप लगाकर पुरे मामले की उच्च स्तरीय जॉच कर आपत्तिजनक सामग्री मामले के वास्तविक दोषियों पर कार्रवाई की मांग की।
5 बिंदुओं को लेकर सौंपा ज्ञापन
5 बिंदुओं का ज्ञापन सौंपा है,जिसमे उल्लेख किया गया है पुतला किसने बनाया, किसके इशारे पर बना,उसे प्रर्दशन स्थल तक कौन लाया, आपत्तिजनक सामग्री किसने और कहा से एकत्रित की,किसने पुतले मे भरी ईत्यादि की उच्च स्तरीय जांच कर सीसीटीवी फुटेज बरामद कर वास्तविक दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।
हालाकि इस मामले को संबंधित राजनितिक दल द्वारा घटित घटना की निंदा कर आपत्तिजनक सामग्री से संबंधितो को निष्कासित कर राजनितिक रुप से पटाक्षेप किया जा सकता था, जिससे मामला शायद पुलिसिया कार्रवाई तक नही पहुंचता?और राजनितिक शुचिता भी स्वतः प्रमाणित हो जाती, इतना तो तय है की कोई भी राजनितिक दल ऐसा प्रदर्शन पुर्ण ज्ञान के आधार पर नही कर सकता,इस पुरे मामले मे कही न साजिश तो निश्चित है,लेकीन साजिश को किसी विरोधी दल की साजिश करार देना भी काग्रेस का उचित नहीं है,क्योंकि इस मामले मे अगर काग्रेस का जिला संघठन सख्ती से सामने आए तो साजिश के तार स्थानीय गुटबाजी के चलते संभवत:घर से ही सामने आ सकते है?
क्या आपसी फुट का है नतीजा 
क्या कांग्रेस के एक अच्छे प्रर्दशन पर काग्रेस के अपनो ने ही पानी फेरा,क्या किसी एक की पद की लालसा अथवा राजनितिक प्रतिद्वंधिता के चलते ही काग्रेस के भीतर ही तो यह साजिश नही रची गई ? इन बिन्दुओं पर कांग्रेस के जिला संघठन को अपने स्तर पर जांच करना चहिए जिससे भविष्य मे काग्रेस को अपनो से ही होने वाले राजनितिक नुकसान से बचाया जा सके!