मणिपुर घटना के विरोध में जयस का प्रदर्शन, महामहिम राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन
विशाल भौरासे की रीपोर्ट।
बैतूल। आदिवासी संगठन जयस ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय में महामहिम राष्ट्रपति के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर मणिपुर में महिलाओं से अमानवीय व्यवहार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। जयस युवा प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष सोनू धुर्वे ने ज्ञापन के माध्यम से बताया कि मणिपुर में विगत करीब 3 माह से हिंसा जारी है, इसी बीच 2 आदिवासी महिलाओं के साथ निर्वस्त्र कर सरेआम घुमाने का अमानवीय कृत्य भी किया गया।
इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इस घटना को भी शासन प्रशासन ने गंभीरता से नहीं लिया, जो सरकार के असंवेदनशील रवैया को दर्शाता है। संगठन ने ज्ञापन के माध्यम से मांग की है कि महिलाओं के साथ इस अमानवीय घटना को अंजाम देने वाले दोषियों को फांसी की सजा दी जाए।मणिपुर सरकार को बर्खास्त कर वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाए। साथ ही मणिपुर में शांति व्यवस्था कायम करने में विफल रही सरकार के गृह मंत्री अमित शाह का इस्तीफा लिया जाए। जयस कार्यकर्ताओं ने बताया कि मणिपुर की घटना आदिवासी समुदाय के साथ-साथ महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अत्याचार और शासन- सरकार के असंवेदनशीलता का जीवंत प्रमाण है। इतने दिनों तक इस अमानवीय घटना को गंभीरता से नही लिया गया, जो सरकार की नाकामी, असंवेदनशीलता और आदिवासियों के प्रति गैर जिम्मेदाराना रवैए को दर्शाता है।
महिलाओं के साथ हुए इस अमानवीय कृत्य में शामिल सभी लोगो को फांसी की सजा दी जाए तब ही इस प्रकार के अपराधों को रोका जा सकता है और पीड़ित महिलाओं के साथ न्याय किया जा सकता है। जयस संगठन ने राष्ट्रपति से आग्रह किया कि समस्त आदिवासी समुदाय की मंशा के अनुसार उपरोक्त मांगों पर त्वरित कार्यवाही करें क्योंकि आप भी एक आदिवासी समुदाय से ही है इसलिए समुदाय के न्याय की अंतिम उम्मीद भी आप ही है। ज्ञापन सौंपने वालों में अमित उइके, कल्लू सिंह उइके, मनीष परते, अंकित परते, पप्पू सरियाम, मनोज परते सहित अनेक जयस कार्यकर्ता उपस्थित थे।