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प्रदेश में 21 जुलाई से बढ़ेंगी मानसून की गतिविधियां

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  • मध्य प्रदेश में 21 जुलाई से बढ़ेंगी मानसून की गतिविधियां,
  • भोपाल, नर्मदापुरम, जबलपुर, इंदौर, उज्जैन संभाग में जारी रहेगी बारिश
  • मौसम विज्ञानियों के मुताबिक शुक्रवार से मानसून की गतिविधियों में तेजी आने की संभावना है।
भोपाल – बंगाल की खाड़ी में ओडिशा के पास कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। मानसून द्रोणिका भी गुना, दमोह से होकर गुजर रही है। इस वजह से नमी आने का सिलसिला बना हुआ है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक शुक्रवार से मानसून की गतिविधियों में तेजी आने की संभावना है। विशेषकर भोपाल, नर्मदापुरम, जबलपुर, इंदौर, उज्जैन संभाग के जिलों में रुक-रुककर वर्षा का सिलसिला बना रहेगा। उधर गुरुवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े छह बजे तक मंडला में 37, उज्जैन में 18, रायसेन में 16, जबलपुर में 7.4, भोपाल में 3.9, इंदौर में 0.1 मिलीमीटर वर्षा हुई।
मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक वर्तमान में मानसून द्रोणिका जेसलमेर, कोटा, गुना, दमोह, रायपुर से होकर ओडिशा में बने कम दबाव के क्षेत्र से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। विदर्भ और उससे लगी मध्य प्रदेश की सीमा पर विंडशियर जोन (विपरीत दिशा की पूर्वी एवं पश्चिमी हवाओं का टकराव) बना हुआ है। ईरान के पास एक पश्चिमी विक्षोभ भी मौजूद है। इन तीन मौसम प्रणालियों के सक्रिय रहने से मप्र के विभिन्न जिलों में रुक-रुककर वर्षा हो रही है।
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि शुक्रवार को भी भोपाल, नर्मदापुरम, जबलपुर, इंदौर, उज्जैन संभागों के जिलों में गरज-चमक के साथ तेज बौछारें पड़ने की संभावना है। इस दौरान कहीं-कहीं भारी वर्षा भी हो सकती है। उधर, 24 जुलाई को बंगाल की खाड़ी में हवा के ऊपरी भाग में एक नया चक्रवात बनने के संकेत मिले हैं। इस वजह से रुक-रुककर वर्षा का दौर अभी चार-पांच दिन तक बना रह सकता है।