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बच्चों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए आज से घर – घर दस्तक अभियान शुरू होगा

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ब्यूरो रिपोर्ट

बाल मृत्यु के प्रकरणों में कमी लाने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष महिला एवं बाल विकास विभाग के समन्वय से दस्तक अभियान संचालित किया जाता है। यह अभियान वर्ष में 2 बार आयोजित किया जाता है। अभियान के प्रथम चरण में 5 वर्ष की चिकित्सीय जांच कर बीमारियों की पहचान एवं त्वरित उपचार प्रबंधन पर बल दिया जाता है। इसी तारतम्य में वर्ष 2023-24 में दस्तक अभियान के प्रथम चरण 18 जुलाई से 31 अगस्त के मध्य किया जायेगा।

इस दौरान स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग के मैदानी कार्यकर्ताओं के संयुक्त दल द्वारा 5 वर्ष तक के बच्चों के घर-घर जाकर उनकी चिकित्सीय जांच एवं आवश्यक उपचार, प्रबंधन सुनिश्चत करने के लिए गतिविधियां संचालित की जायेंगी। इस संबंध में महिला बाल विकास विभाग के संचालक श्री रामराव भोसले ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विभाग को दिशा निर्देश जारी किये है। कि 5 वर्ष से कम उम्र के गंभीर कुपोषित बच्चों की सक्रिय पहचान, (Active Case Finding) रेफरल एवं प्रबंधन किया जाना ओर 6 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों में गंभीर एनीमिया की सक्रिय स्क्रीनिंग एवं प्रबंधन करना तथा 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में बाल्यकालीन वस्त रोग की पहचान एवं नियंत्रण के लिए ओआरएस एवं जिंक के उपयोग संबंधी सामुदायिक जागरूकता में बढ़ावा एवं प्रत्येक घर में गृहमेंट के दौरान ओआरएस पहुंचाना, सघन दस्त रोग पखवाड़ा, आईडीसीएफ गतिविधि आयोजन, 9 माह से 5 वर्ष तक के समस्त बच्चों को विटामिन ए अनुपूरण, बच्चों में दिखाई देने वाली जन्मजात विकृतियों (Birth Defects) एवं वृद्धि विलंब (Development Delay) की पहचान। 05 वर्ष तक की आयु वाले बच्चों में श्रवणबाधिता एवं दृष्टिदोष की पहचान, पुष्टि कर आरबीएसके कार्यक्रम में पंजीयन कर उपचारित कराना। भारत शासन द्वारा अभियान के साथ समेकित दस्त नियंत्रण पखवाडा (आईडीसीएफ) का आयोजन माह जुलाई 2023 में किये जाने के लिए निर्देशित किया गया है। दस्तक अभियान के साथ आईडीसीएफ की संस्था तथा समुदाय आधारित गतिविधियों का आयोजन किया जायेगा।