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पूर्व नपा अध्यक्ष नीतू सिंह परमार को मिला स्टे, नहीं होगा अध्यक्ष का चुनाव

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ब्यूरो मोहम्मद अफसर 

मुलताई। पिछले एक माह में मुलताई नगर की जनता में बड़ी उत्सुकता बनी थी कि आगामी दस जुलाई को होने वाले नपा अध्यक्ष चुनाव में कौन अध्यक्ष बनता है?
दस जुलाई नजदीक आते ही नगर में राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गई थी,जिसको लेकर भाजपा से बागी हुए पार्षदों को भोपाल ले जाकर फिर से पार्टी ज्वाइन कराई गई।वही दस माह से नगर पालिका अध्यक्ष बनी नीतू सिंह परमार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर भाजपा के मंसूबे पर पानी फेर दिया।
गुरुवार दोपहर हाई कोर्ट ने नीतू सिंह परमार की याचिका पर स्टे दे दिया,जिससे भाजपा के खेमे में मायूसी का माहौल बन गया। वही कांग्रेस इसे अपनी बड़ी जीत मान रही है।
मुलताई नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में सामान्य वर्ग से नीतू सिंह परमार ने चुनाव लडा था,जिसमे कांग्रेस से जीत कर आए 6 पार्षदों के सहयोग से भाजपा से बागी हुई नीतू सिंह परमार नपा अध्यक्ष बन गई थी।वही भाजपा की वर्षा गड़ेकर द्वारा माननीय न्यायालय परिवाद प्रस्तुत कर अध्यक्ष के चुनाव को चुनौती दी थी।
जिसका दस माह में एडीजे कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए अध्यक्ष पद को शून्य कर दिया था।और वही कलेक्टर को दस जुलाई को पुनः अध्यक्ष का चुनाव कराने के आदेश जारी किए थे।
वही इसी बीच नगर पालिका अधिनियम के चलते वर्षा गड़ेकर को अध्यक्ष बना दिया गया था। लेकिन नीतू सिंह परमार द्वारा हाईकोर्ट से स्टे लाकर फिर से नपा अध्यक्ष पद पर काबिज हो गई।जिसको देखते हुए अब माना जा रहा है कि दस जुलाई को होने वाला अध्यक्ष चुनाव रद्द हो जायेगा। मुलताई नगर पालिका में चल रहे शीत युद्ध और कांग्रेस की नगर पालिका अध्यक्ष होने के कारण प्रशासनिक अधिकारियों में समन्वय स्थापित नही हो रहा था। जिसको लेकर आरोप प्रत्यारोप लगाए जा रहे थे,वही नगर की जनता भी अध्यक्ष चुनाव को लेकर उत्साहित थी कि आगामी दस जुलाई को क्या होने वाला है। उसके पहले ही नीतू सिंह परमार ने हाईकोर्ट से स्टे लाकर भाजपा के अरमानों पर पानी फेर दिया।
पूरे घटनाक्रम के बाद यह नीतू सिंह परमार की बड़ी जीत मानी जा रही है।