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मध्‍य प्रदेश के अधिकतर जिलों में वर्षा का दौर जारी, जून माह की औसत बारिश का कोटा पूरा

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 भोपाल । अलग-अलग स्थानों पर बनी चार मौसम प्रणालियों के असर से प्रदेश के अधिकतर जिलों में रुक-रुककर वर्षा का सिलसिला बना हुआ है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक कम दबाव के क्षेत्र के कमजोर पड़ कर आगे बढ़ने के कारण शनिवार से वर्षा की गतिविधियों में कमी आने की संभावना है।
गुरुवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक शिवपुरी में 54, रतलाम में 43, खरगोन में 38, नौगांव में 31, पचमढ़ी में 19, इंदौर में 17.7, नर्मदापुरम में 16, धार में 12, खजुराहो में 11.8, उज्जैन में 11, बैतूल में 10, मंडला में पांच, भोपाल में तीन, दमोह में दो, ग्वालियर में 1.7, सतना में एक, जबलपुर में 0.5, गुना में 0.4, सागर में 0.4 मिलीमीटर वर्षा हुई।
शुक्रवार को गुना, राजगढ़, शिवपुरी, निवाड़ी, अशोकनगर, पन्ना, नीमच, सागर, टीकमगढ़, दमोह, छतरपुर, मंदसौर जिले में भारी वर्षा हो सकती है। प्रदेश में एक जून से गुरुवार सुबह साढ़े आठ बजे तक 134.1 मिमी. वर्षा हो चुकी है, जो सामान्य वर्षा 124.2 मिमी. की तुलना में आठ प्रतिशत अधिक है।
मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक वर्तमान में कम दबाव का क्षेत्र उत्तरी मध्य प्रदेश के मध्य में बना हुआ है। उत्तर-पश्चिमी राजस्थान से नगालैंड तक एक ट्रफलाइन बनी हुई है, जो कम दबाव के क्षेत्र से होकर जा रही है। महाराष्ट्र के तट से लेकर केरल के तट तक अपतटीय ट्रफ बना हुआ है।
इसके अतिरिक्त गुजरात पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इन मौसम प्रणालियों के असर से नर्मदापुरम, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, ग्वालियर, चंबल, सागर एवं जबलपुर संभाग के जिलों में कई स्थानों पर वर्षा होने की संभावना है।
हालांकि, कम दबाव के क्षेत्र के कमजोर पड़ कर आगे बढ़ जाने के कारण शनिवार से वर्षा की गतिविधियों में कुछ कमी आने लगेगी। प्रदेश में जून माह की औसत वर्षा का कोटा पूरा हो चुका है। विशेषकर पूर्वी मप्र में अभी तक सामान्य से 24 प्रतिशत अधिक वर्षा हो चुकी है।