खाद की जगह भरते थे राख सारनी पुलिस ने पकड़ी 230 बोरी नकली खाद , तीन गिरफ्तार
बैतूल से संतोष प्रजापति की रिपोर्ट
बैतूल पुलिस अधीक्षक सिद्धर्थ चौधरी के आदेश से सारणी अनु विभागीय अधिकारी रोशन जैन कि मार्गदर्शन में सारणी टीआई रत्नाकर हिंगवे द्वारा रात्रि गश्त के समय मुखबीर द्वारा सुचना मिली कि ओमप्रकाश सरदार के अस्तपाल वाले घर के पास एक ट्रक मे नकली खाद बनाकर बैचने कि लिये ले जा रहे है कि सुचना पर ओमप्रकाश सरदार के घर के पास पहूचे जहा पर एक ट्रक क्रमांक MP-16-GA-1174 जय किसान सुपर पाऊडर खाद को बोरिया भरते हुऐ तीन लड़के दिखे जिनका नाम पता पूछने पर ओमप्रकास सरदार अनिल भारद्वाज, अश्विन चिल्हाटे बताया उनसे बोरियो मे भरे पाऊडर के संबंध में पुछताछ किया तो उन्होने खाद होना बताया जिसमे से नीचे रखी बोरियो मे से सेम्पल निकाल कर देखा सुंघकर देखा तो उसमे से कोई गंध नहीं आ रही थी एवं पानी मे डालकर देखा तो पानी में भी नही घुल पा रहा था शक होने पर ट्रक मे भरी 230 बोरियो के बारे में जब आरोपीगणो से पुछताछ किया तो जिसमें खाद की खाली बोरिया ललित उर्फ सोनू जसुजा के द्वारा भेजी गई थी उसने राख को उठाने के लिये पैसे भी दिये थे इस प्रकार ललित उर्फ सोनू जसुजा के द्वारा खाद के नाम पर राख को खाद बनाकर बैचा जा रहा है इस प्रकार से किसानो के साथ धोखधड़ी की जा रही है उनकी भूमी को बंजर बनाने का भी षडयंत्र किया जा रहा है
पुलिस ने बताया कि सारणी निवासी ओमप्रकाश , अनिल , अश्विन और बैतूल निवासी ललित सोनू जसूजा को गिरफ्तार कर इनके विरुद्ध आईपीसी की धारा 420, 3/7 आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कारवाई की है।
इस मामले में जानकारी मिली है कि नकली खाद के तार इंदौर से भी जुड़े हुए हैं। इंदौर निवासी अमित माहेश्वरी नकली खाद बनवाने के पीछे मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। अमित की इंदौर में गीतांजलि ऑर्गेनिक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी है। वह खाली बोरिया बैतूल के ललित उर्फ सोनू जसूजा को भेजता था और सोनू जय किसान सुपर पाउडर की खाली बोरियां सारणी में आरोपियों को भेजा करता था। यह आरोपी साइलो प्लांट से निकलने वाली राख भरकर वाहनों में लोड करवाते थे। यह राख इंदौर, खंडवा और छिंदवाड़ा में सप्लाई की जाती थी। फिलहाल पुलिस अमित माहेश्वरी की तलाश कर रही है।
सावधान रहे किसान
सारणी थाना प्रभारी रत्नाकर हिंगवे ने किसानों से सावधान रहने की अपील की है। श्री हिंगवे ने कहा कि जय किसान सुपर पाउडर नाम से कोई भी खाद खरीदते समय उसकी जांच कर ले और यदि उन्हें लगता है कि नकली खाद है तो कृषि विभाग को सूचना दें। साथ ही वहां के पुलिस थाने में सूचना करें, ताकि वह धोखाधड़ी से बच सके और उन्हें नुकसान ना हो।