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जल जीवन मिशन योजना में ठेकेदारों एवं पीएचई विभाग ने लगाया लाखों का चूना – एपिसोड 2

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बैतूल से संतोष प्रजापति की रिपोर्ट

खबर मध्य प्रदेश के जिला बैतूल के ग्राम भरकावाड़ी एवं ग्राम सेहरा से,,,जिले में करोड़ों की लागत से स्कूल आंगनवाड़ी में जल जीवन मिशन के तहत लाखों छात्र छात्राओं की प्यास बुझाने जाने हेतु पी, एच, ई विभाग बैतूल द्वारा कार्य किया जा रहा है परंतु पी, एच, ई, के एस, डी, ओ वर्मा एवं वंदना उपराले की छत्रछाया में ठेकेदारों द्वारा गुणवत्ता हीन आधे अधूरे काम किए गए हैं।बैतूल ब्लॉक में जल जीवन मिशन योजना की धरातल पर स्थित वास्तविक स्थिति जानने हेतु आज पत्रकारों का एक दल ग्राम भरकावाडी और सेहरा के ग्राम पंचायत मैं गए थे तो पता चला कि ग्राम भरकावाडी में स्थित एक आंगनवाड़ी में जल जीवन मिशन के तहत मात्र बेश डालकर सीमेंट का पिल्लर बनाकर नल लगा कर बेसमेंट बना कर खड़ा कर दिया गया है वहीं भरकावाडी स्कूल में जल जीवन मिशन योजना के तहत तीन जगह नल कनेक्शन हेतु स्ट्रक्चर तैयार किए गए इस स्ट्रक्चर तैयार करने में रेत तथा लोहा का उपयोग नहीं किया गया घटिया किस्म की टाइल्स लगाई गई है इन तीनों जगह नल फिट नहीं किए गए हैं यहां तक कि इन तीनों जगह पानी के निकासी हेतु कोई व्यवस्था नहीं की है बात यहीं खत्म नहीं होती है यहां पर पाइपलाइन नहीं है इन तीनों पॉइंट पर पानी की टंकी तक नहीं लगाई गई है स्कूल के शिक्षक को से चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत स्कूल में मात्र स्ट्रक्चर तैयार किया है इसके अलावा कोई कार्य नहीं हुआ है यहा पढ़ने वाले बच्चे हैंडपंप से पानी पी रहे हैं भरकावाडी में जल जीवन मिशन के तहत सीमेंट की रोड खोद दी गई है जिसकी मरम्मत तक नहीं की गई है प्राइमरी स्कूल एवं आंगनवाड़ी में जो स्ट्रक्चर तैयार किया है वह गुणवत्ता हीन होकर टूट फूट रहा है आंगनवाड़ी के स्ट्रक्चर को पानी की टंकी से नहीं जोड़ा है यह स्ट्रक्चर मात्र शोपीस बनकर टूट फूट रहा है यही हाल ग्राम सेहरा,के है,यहां पर स्कूल में 2 पॉइंट पर नल के लिए स्ट्रक्चर तैयार किया है जिसमें डस्ट का उपयोग किया गया है लोहा तथा रेत का उपयोग नहीं हुआ है इन स्ट्रक्चर में आधी अधूरी टाइल्स लगाई गई है जो कि टूट रही है तथा पानी की टंकियों में पानी तक नहीं आ रहा है एक ग्रामवासी ने बताया कि स्कूल में दोनों स्ट्रक्चर मात्र 2 दिन में तैयार कर उटपटांग तरीके से टाइल्स,लगाकर तैयार किए गए हैं दोनों स्ट्रक्चर की तराई तक नहीं की गई है यही हाल यहां की आंगनबाड़ियों में है जहां बहुत ही घटिया गुणवत्ता हीन कार्य किए गए हैं जल जीवन मिशन की वास्तविक स्थिति जानने हेतु धरातल पर जाने से पता चला है कि पीएचई विभाग के एसडीओ वर्मा एवं वन्दना उपराले की देखरेख में ठेकेदारों द्वारा जल जीवन मिशन को किस तरह धराशाई कर स्वयं एवं पीएचई विभाग के इन,दोनों अधिकारियों को वारे न्यारे किया जा रहा है शोध का विषय है।