नगर पालिका अध्यक्ष पद का चुनाव हुआ शून्य घोषित ,एक माह के भीतर चुनाव कराने के आदेश
मोहम्मद अफसर की रिपोर्ट
इस वक्त की बड़ी खबर – बैतूल जिले की विवादित नगर पालिका मुलताई का निर्वाचन अब पुनः कराया जाएगा नगर पालिका अध्यक्ष के चुनाव को प्रथम अपर जिला न्यायालय के न्यायाधीश ने शून्य कर दिया है। न्यायालय ने कलेक्टर बैतूल को एक माह के भीतर अध्यक्ष पद का चुनाव कराने के लिए भी आदेश दिया है।
नगर पालिका अध्यक्ष पद का चुनाव हुआ शून्य घोषित।
प्रथम जिला सत्र न्यायाधीश शालिनी शर्मा सिंह ने सुनाया फैसला।
खबर मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के मुलताई से नगर पालिका में हुए अध्यक्ष चुनाव को लेकर भाजपा पार्षद वर्षा गड़ेकर द्वारा माननीय न्यायालय में याचिका दायर की गई थी, जिस पर माननीय न्यायालय द्वारा निर्णय सुनाया गया।
प्रथम जिला सत्र न्यायाधीश शालिनी शर्मा सिंह ने जिला निर्वाचन अधिकारी को निर्देश दिए है कि एक माह के अंदर नियम अनुसार विधिवत नगर पालिका अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया को संधारित करें।
अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में नियम अनुसार नहीं होने के तर्क के साथ चुनाव प्रक्रिया को चुनौती दी गई थी।
जिसको लेकर माननीय न्यायालय में दायर याचिका के मामले में सुनवाई करते हुए भाजपा पार्षद वर्षा गड़ेकर और नगर पालिका अध्यक्ष नीतू सिंह परमार को मिले वोटों को अवैध घोषित किया गया एवं फिर से 1 माह के भीतर चुनाव कराने के आदेश दिए गए।
मुलताई नगर पालिका अध्यक्ष के लिए हुए चुनाव को अवैध घोषित कर दिया गया। भाजपा पार्षद वर्षा गड़ेकर की ओर से अधिवक्ता राजेंद्र उपाध्याय द्वारा बताया गया कि अध्यक्ष के चुनाव में पार्षदों द्वारा डाले गए मतों में निशान लगाकर पहचान करते हुए मत डाले गए थे, जिसको लेकर चुनाव को अवैध घोषित करने का आग्रह माननीय न्यायालय में किया गया था।
उपरोक्त मामले में हाईकोर्ट जबलपुर के अधिवक्ता निखिल तिवारी का भी मुख्य योगदान रहा।
माननीय न्यायालय के फैसले के बाद नगर के भाजपाई पार्षदों सहित कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर देखी गई।