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सीएम हेल्पलाइन, कलेक्टर जनसुनवाई में जिसके खिलाफ की शिकायत उसे ही बना दिया जांच अधिकारी

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  • सीएम हेल्पलाइन, कलेक्टर जनसुनवाई में जिसके खिलाफ की शिकायत उसे ही बना दिया जांच अधिकारी
  • शिकायत से नाराज एसडीएम ने नक्शा दुरुस्ती केस को किया खारिज
  • 3 साल से परेशान हो रहा आवेदक, सैकड़ों बार कर चुका है आवेदन

बैतूल। सीएम हेल्पलाइन पर कोई बड़े मामले की शिकायत करता है, तो उसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। इस योजना के शुरू होने से ग्रामीणों में आस जागी थी कि उनको समस्याओं को लेकर कलेक्टोरेट नहीं आना पड़ेगा, लेकिन उसके विपरीत हुआ। सीएम हेल्पलाइन पर शिकायतों का कोई निराकरण नहीं है। बल्कि जिसके खिलाफ शिकायत की जा रही है उसे ही जांच अधिकारी बनाया जा रहा है ऐसी परिस्थिति में शिकायत से नाराज अधिकारी केस का निराकरण किया बगैर उसे खारिज कर रहा है और आवेदक परेशान हो रहे हैं ऐसा ही मामला भीमपुर क्षेत्र से सामने आया है।
आवेदक अशोक पचोरिया ने बताया कि पूर्व कलेक्टर एवं राजस्व विभाग द्वारा भूमि की समस्त अनुमति होने के बावजूद नक्शा दुरुस्त नहीं किये जाने से वह 3 वर्षों से परेशान हो रहा है। इस मामले में जब उन्होंने एसडीएम रीता डेहरिया भैंसदेही के खिलाफ सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की तो उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर दुर्भावनापूर्ण नक्शा दुरुस्ती केस को खारिज कर दिया। अशोक पचोरीया ने बताया कि समस्याओं के निराकरण के लिए शासन ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर 181 चालू की है, लेकिन यह भी महज खानापूर्ति बन कर रह गई है। जिससे लोग परेशान है। ऐसी स्थिति में लोगों का सीएम हेल्पलाइन से भी विश्वास हटता जा रहा है।
यह है पूरा मामला
कलेक्टर को सौंपे शिकायत आवेदन में अशोक पचोरीया ने बताया कि मेरी माता जी का अचानक ब्रेन हेमरेज होने के कारण लगभग डेढ़ माह तक नागपुर हॉस्पिटल में आईसीयू में भर्ती होने के कारण लाखों रुपए की सख्त आवश्यकता होने पर हमारी भूमि खसरा नंबर 433 /25 रकबा 1. 639 हेक्टेयर जो की भीमपुर में स्थित है जिसकी विक्रय अनुमति हेतु माननीय कलेक्टर महोदय से दिनांक 16/12/2019 को आवेदन किया था। जिसे कलेक्टर द्वारा इमरजेंसी मेडिकल ग्राउंड एवं अन्य भूमि की सर्च रिपोर्ट एसडीएम भैंसदेही एवं तहसीलदार भीमपुर द्वारा जांच करवाने के उपरांत सीमांकन करवा कर भूमि विक्रय अनुमति प्रदान की थी। जिसके बाद हमारे द्वारा विक्रय कर दी गई। लेकिन आर आई भीमपुर द्वारा सीमांकन के दौरान गलत स्थान पर नक्शा काटने के कारण आसपास के कुछ लोगो द्वारा नक्शा दुरुस्त ना होने के कारण विवाद करने से क्रेता को भूमि क्लियर करके ना देने के कारण, रजिस्ट्री के समय सौदे के रुपए जोकि चेक द्वारा प्रदान किये थे उसे रोक लिया गया था और माता जी का हॉस्पिटल में स्वर्गवास भी हो गया जिसके कारण हम हॉस्पिटल एवं लोगों का कर्जा नहीं दे पा रहे हैं ।
विक्रय की गई भूमि की पूर्व कलेक्टर द्वारा सभी अनुमति लेने के उपरांत सीमांकन करवा कर भूमि विक्रय की गई थी इस घटना को 3 वर्ष से अधिक होने के बावजूद सैकड़ों आवेदन कलेक्टर जनसुनवाई एवं सीएम हेल्पलाइन 181 में 547 दिन होने पर एसडीएम भैंसदेही द्वारा दबाव बनाकर कहां गया कि सीएम हेल्पलाइन बंद करो नहीं तो तुम्हारा कोई काम नहीं करेंगे कलेक्टर और सीएम से ही करवा लो कहकर शिकायत बंद करवा दि गई उसके बावजूद भी केस को लगभग देड साल से पेंडिंग रखा जिसकी शिकायत सीएम से करने की खबर अखबारों में लगने से नाराज होकर नक्शा दुरुस्ती केस द्वेष भावना से खारिज कर दिया जिसके कारण 3 वर्ष से भूमि विवाद बना हुआ है और मेरी आर्थिक और मानसिक स्थिति बहुत खराब हो गई है।
— झूठे जवाब लगाकर बंद की जा रही शिकायत —
आवेदक ने आरोप लगाया कि सीएम हेल्पलाइन और कलेक्टर जनसुनवाई पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जाती है, झूठे जवाब लगाकर बंद कर दी जाती है जबकि मेरे मामले में भूमि के सारे आदेश एवं पेपर होने के बावजूद 3 वर्ष से मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है और वही अशिक्षित ग्रामीणों के साथ तो इससे भी ज्यादा बुरा व्यवहार किया जाता है लोग बड़ी उम्मीद से आपको सीएम हेल्पलाइन लगाते हैं और कलेक्टर जनसुनवाई में आते हैं लेकिन जिसकी शिकायत की जाती है वही जांच करता है और झूठे जवाब लगाकर शिकायत बंद कर दी जाती है कुछ लोग तो पैसे ना होने के कारण आवेदन बनाने पर मजबूर रहने के बावजूद भी जैसे तैसे भूखे प्यासे आवेदन बनवा कर देते हैं लेकिन उन्हें कचरे के ढेर में डाल दिया जाता है। आवेदक ने कलेक्टर से आग्रह किया कि सीएम हेल्पलाइन 181 और अन्य जनसुनवाई पर लापरवाही करने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।