Safe money lone app के स्केम का भांडा फोड़ परेशान लोगो ने की शिकायते
ब्यूरो रिपोर्ट
मित्रो एससीएन न्यूज इंडिया समाचारों के प्रकाशन के साथ अपनी सामजिक और नैतिक जिम्मेदारी बखूबी समझता है। वही समय समय पर जागरूकता के सम्बन्धी महत्वपूर्ण जानकारी भी जनमानस तक पंहुचाने का काम करता है। विगत दो माह से हमें कई यूजर्स द्वारा लोन एप कम्पनी द्वारा ब्लेकमेल करने एवं उनके कॉन्टेक्ट लिस्ट को हैक कर एवं फोटो गेलेरी से परिवार के फोटो निकल अश्लील बना कर कांटेक्ट लिस्ट में भेजे जाने की धमकिया दी जा रही थी। जिसमे कुछ युवतियां भी पीड़ित थी। जिन्होंने मज़बूरी में इस एप से पैसे लिए थे। कई तो इनके प्रताड़ना से तंग आ कर आत्महत्या तक के कदम उठा चुके है।
इसके पहले भी हमने लॉकडाउन के दौरान इसी तरह फसे लोगों को इसके चुंगल से निकलने में उनकी सहायता की थी। और हैदराबाद फरीदाबाद बेंगलुरु आदि शहरो में फैले इनके नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए लगातार प्रयास किया था। जिसके फलस्वरूप 3 हाईटेक कॉलसेंटर से 400 लोग और 700 से ज्यादा लेपटॉप और मोबाइल फोन साइबर पुलिस ने जप्त कर बड़ी कारवाही की थी।
कुछ समय शांत रहने के बाद 2020 से अब और कई नई बिना रजिस्टर्ड कमनीयां लोगों को चुना लगा रही है। जिसमे एक नाम safe money का भी है। जिसके खिलाफ कई शिकायते दर्ज की गई है।
ये शातिर लोग अपना नाम और नम्बर गुप्त रखते है और व्हाट्सअप पर फेक नम्बर से मेसेज करते है। इनके नेटवर्क को पकड़ने में हमें भी डेड माह लग गया। इस दौरान इनके पर्सनल नम्बर इनके बैक खातों के सभी यूपीआई और जरुरी जानकारी हमारे संवाददाताओं द्वारा जुटा ली गई है। और अब इन पर कारवाही तय है।
किन्तु इन्हे विश्वास में लेने के लिए हमें भी इनका ग्राहक बनना पड़ा। जिसकी वजह से हमारी एवं संवाददाताओं की कांटेंक्ट लिस्ट भी हैक की गई होगी। यदि हमारी कांटेक्ट लिस्ट में से किसी परिचित के पास कोई भी सन्देश या फोटो आये तो इगनोर कर उसका स्क्रीन शॉट हमें भेजे। जिससे ये सबूत के तौर पर रखा जा सके।
ध्यान दे ऐसे तुरंत लोन देने वाले एप के खिलाफ मध्य प्रदेश सरकार गंभीर है। तुरंत शिकायत करे। और सावधान रहे। उनकी दुकान दारी तो हमने बंद कर दी है।
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कानून जानिए
हैकिंग: हैकिंग का मतलब है किसी कंप्यूटर, डिवाइस, इंफॉर्मेशन सिस्टम या नेटवर्क में अनधिकृत रूप से घुसपैठ करना और डेटा से छेड़छाड़ करना। यह हैकिंग उस सिस्टम की फिजिकल और रिमोट एक्सेस दोनों के जरिए हो सकती है। जरूरी नहीं कि ऐसी हैकिंग के नतीजे में उस सिस्टम को नुकसान पहुंचा ही हो। अगर कोई नुकसान नहीं भी हुआ है, तो भी घुसपैठ करना साइबर क्राइम के तहत आता है।
कानून: आईटी (संशोधन) एक्ट 2008 की धारा 43 (ए), धारा 66, आईपीसी 379 और 406 में कार्रवाई मुमकिन
सजा: अपराध साबित होने पर तीन साल तक की जेल और/या पांच लाख रुपये तक जुर्माना।
डेटा की चोरी: किसी और व्यक्ति, संगठन वगैरह के किसी भी तकनीकी सिस्टम से निजी या गोपनीय डेटा (सूचनाओं ) की चोरी। अगर किसी संगठन के अंदरूनी डेटा तक आपकी आधिकारिक पहुंच है, लेकिन अपनी जायज पहुंच का इस्तेमाल आप उस संगठन की इजाजत के बिना, उसके नाजायज दुरुपयोग की मंशा से करते हैं, तो वह भी इसके दायरे में आएगा। कॉल सेंटरों, दूसरों की जानकारी रखने वाले संगठनों आदि में भी लोगों के निजी डेटा की चोरी के मामले सामने आते रहे हैं।
कानून:आईटी (संशोधन) कानून 2008 की धारा 43 (बी), धारा 66 (ई), 67 (सी),आईपीसी की धारा 379, 405, 420