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ग्रामिणो ने एक स्वर मे बाहरी व्यक्तियों के मंदिर में अनावश्यक हस्तक्षेप एंव प्राण प्रतिष्ठित मुर्तियो के स्थान परिर्वतन करने पर जताया आक्रोश

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धनराज साहू तहसील ब्यूरो 

  • अपर कलेक्टर एंव तहसीलदार की उपस्थिती मे ग्राम हिवरा मे विशेष ग्राम सभा सम्पन्न
  • उपस्थित सभी ग्रामिणो ने एक स्वर मे बाहरी व्यक्तियों के मंदिर में अनावश्यक हस्तक्षेप एंव प्राण प्रतिष्ठित मुर्तियो के स्थान परिर्वतन करने पर जताया आक्रोश
  • मंदिर की 65 एकड़ जमीन की जानकारी से भी अवगत कराये प्रशासन।

 

भैंसदेही अनुभाग के अंतर्गत आठनेर विकासखंड के ग्राम हिवरा में मॉ भवानी के मंदिर मे बाहरी लोगो के अनावश्यक हस्तक्षेप एंव मनमर्जी से प्राण प्रतिष्ठित मुर्तियो के स्थान परिवर्तन करने एंव प्राचिन नंदी की गर्दन काटकर दुसरी लगाने से ग्रामिणो मे भारी आक्रोश व्यक्त करते हुए ग्राम पंचायत एवं ग्राम वासियों ने संयुक्त शिकायत कलेक्टर सहित जिले के सभी अधिकारियों से की थी जिस पर संज्ञान लेते हुए अधिकारियों ने ग्राम में ग्रामसभा कर मंदिर संचालन समिति बनाने एवं व्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश पंचायत को दिए थे जिस पर कार्रवाई करते हुए 13 मई को ग्राम में विशेष ग्राम सभा का आयोजन किया गया जिसमें लगभग 162 लोग शामिल हुए ग्राम सभा अपर कलेक्टर एवं प्रभारी जनपद सीईओ दिव्यांशु चौधरी आठनेर तहसीलदार श्वेता बामरे आठनेर टीआई सहित सरपंच सचिव की उपस्थिति में संपन्न हुई.

जिसमें समस्त ग्राम वासियों ने वर्तमान समय में मां भवानी के मंदिर प्रांगण में बाहरी व्यक्तियों द्वारा तानाशाही पूर्वक बिना ग्राम वासियों की सहमति से पिडियो से स्थापित चार मूर्तियों का स्थान परिवर्तन कर दिया एंव हनुमान जी के मंदिर मे पिडियो स्थापित जिसे ग्रामिण पंचमुखी हनुमान मानकर पुजन करते थे उसका स्थान परिवर्तन कर शिवमंदिर मे शिवलिंग के पास स्थापित कर माता पार्वती बताकर उनका विवाह कार्यक्रम 18 अप्रैल आयोजित किया गया जिसमें बाहरी व्यक्तियों द्वारा बैतूल से शिव बारात के नाम से समाचार पत्रों में एवं सोशल मीडिया पर प्रचार प्रसार किया तथा उक्त मूर्ति का विवाह शिवजी से करने का कार्यक्रम बनाया परंतु उसी दिन ग्राम की एक भक्त महिला की मंदिर के मुख्य द्वार पर ही दुर्घटना में मृत्यु हो गई इस दुर्घटना को ग्रामीण उक्त मूर्तियों के विवाह के कारण हुए अनिष्ट मान रही है बाहरी व्यक्तियों द्वारा तानाशाही पूर्वक किए जा रहे हैं कार्यों से अधिकारियों को अवगत कराया।

वही भाजपा मंडल अध्यक्ष गोवर्धन राने द्वारा ग्राम सभा में उपस्थित ग्रामवासियों से विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित मंदिर की 65 एकड़ भूमि के बारे में ग्राम वासियो ने इस समस्त भूमि की जांच कर वस्तुस्थिति स्पष्ट करने का आग्रह किया है सभी ग्राम वासियों ने एकमत होकर अधिकारियो को बताया कि जब से हम पैदा हुए तबसे हमने मंदिर की कोई भूमि नहीं देखी और जो भूमि गोवर्धन राने द्वारा खरीदी बताई गई वह मात्र पोने दो एकड़ है जोकि आठनेर निवासी प्रभाकर देशमुख से 10-12 वर्ष पूर्व खरीदी गई उसमें से ही स्कूल भवन के लिए भूमि ना होने के कारण कलेक्टर बैतूल के आव्हान पर गोवर्धन राने द्वारा उक्त जमीन मे से 39 डिसमिल स्कूल भवन निर्माण हेतु दान की गई जिसकी रजिस्ट्री की सारी प्रक्रिया कलेक्टर बैतूल के निर्देशन मे हुई वही जो 65 एकड़ जमीन बताई जा रही है वह ग्राम के विभिन्न किसानों द्वारा पीढ़ियों से जोती जा रही है।

जिसकी उनके पास बही एवं मालिकाना हक उपलब्ध है ग्रामीणों का कहना है कि 70 वर्ष पूर्व की बात आज बता कर भ्रम फैलाया जा रहा है जो कि गलत है वहीं महिलाओं ने प्राचीन नंदी की जो प्रतिमा मंदिर में स्थापित थी उसके गले को कटर से काटकर दूसरी गर्दन लगाई गई जिससे हम सब ग्रामवासियों की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही है अधिकारियों ने सारी बातें सुनने के पश्चात महिलाओं के अनुरोध पर सभी मंदिरों का और मूर्तियों का अवलोकन किया तत्पश्चात सामूहिक सहमति से मंदिर संचालन समिति गठन कर मंदिर का संचालन उक्त समिति द्वारा किया जाए ऐसा निर्देश सचिव को दिए वहीं पुलिस प्रशासन को भी उक्त मंदिर में पेट्रोलिंग हेतु निर्देश दिए गए अधिकारियों ने माना कि बाहरी लोगों का ग्राम के कुछ ग्राम वासियों के साथ मिलकर अनावश्यक हस्तक्षेप बढ़ रहा है।

इस अवसर पर मंदिर संचालन समिति में अध्यक्ष उपाध्यक्ष सहित 20 लोगों की समिति बनाई गई जिसमें सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व दिया गया वहीं विभिन्न सोशल मीडिया के माध्यम से जो भ्रम फैलाया जा रहा था कि हिवरा में शतचंडी यज्ञ का विरोध हो रहा है इस पर सभी ग्राम वासियों ने बताया कि हमारे गांव में कोई भी कार्यक्रम आयोजन के पूर्व मुनादी करके ग्राम वासियों को एकत्रित कर विचार-विमर्श कर निर्णय लिया जाता है परंतु इतने बड़े यज्ञ का निर्णय बाहरी व्यक्तियों ने कुछ लोगों के साथ मिलकर ले लिया जिसकी जानकारी ग्राम वासियों को नहीं है जिस पर अधिकारियों को अवगत कराते हुए ग्राम वासियों ने बताया कि उक्त आयोजन का हम विरोध नहीं करते बल्कि हमारा सिर्फ इतना कहना है कि जो भी आयोजन कर्ता है वह स्वयं अपना एवं आयोजन कर्ताओं का नाम शतचंडी यज्ञ हेतु उपयोग करें इसमें समस्त ग्रामवासी न लिखें अंत में सभी ग्राम वासियों ने अधिकारियों का ग्राम सभा में उपस्थित होकर ग्राम वासियों की समस्या को समझने के लिए अधिकारियों का आभार व्यक्त किया।