समर्पण ग्रुप के सदस्यों को अब्दुल्लागंज वासियों जरुरतमंद छात्रों के लिए ने दी पुस्तकें

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ब्यूरो रिपोर्ट

समर्पण ग्रुप इटारसी के सदस्य गिरधारी चौरे जी के पास अब्दुल्लागंज से जीतमल पथारिया जी का फोन सुबह 9:00 बजे आया और उन्होंने कहा कि हमें अपने बच्चों की पुरानी पुस्तकें समर्पण ग्रुप को देना है ताकि उन पुस्तकों को जरुरतमंद छात्रों तक पहुंचाया जा सके। गिरधारी जी ने ग्रुप के संस्थापक आशीष भदौरिया (मासाब) को यह जानकारी दी, तो दोनों लोग तुरंत अपनी बाइक लेकर अब्दुल्लागंज की ओर रवाना हो गए। और अब्दुल्लागंज पहुंचकर जीतमल पथारिया को फोन लगाकर उनके निवास स्थान पर जाकर उनसे पुस्तकें कलेक्ट की तथा उनसे बातचीत की। उन्होंने कहा कि यह समर्पण ग्रुप की एक बहुत अच्छी पहल है और लोगों को भी इसमें अपना सहयोग प्रदान करना चाहिए। जब उनसे पूछा गया कि उन्हें समर्पण ग्रुप के बारे में कैसे पता चला। तो उन्होंने बताया कि उनके इटारसी में एक परिचित व्यक्ति हैं जिनके वॉट्सएप स्टेटस पर मैंने ग्रुप के बारे में पढ़ा। और मुझे तुरंत ख्याल आया कि मैं भी इस काम में अपनी सहभागिता दूं। मैंने तुरंत ग्रुप सदस्यों को फोन किया कि मुझे किताबें देना है तो उन्होंने तुरंत ही हमारा आमंत्रण स्वीकार किया। समर्पण ग्रुप की इस पहल के लिए मैं उन्हें बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं। और मैंने यहां अब्दुल्लागंज में भी बहुत से लोगों से बात की है वह भी अपनी किताबें समर्पण ग्रुप तक शीघ्र अतिशीघ्र पहुंचाएंगे। समर्पण ग्रुप के संस्थापक आशीष भदौरिया (मासाब) ने कहा की जैसे दूसरे शहरों के लोग जागरूक हो रहे हैं वैसे ही हमारे शहर के लोगों को भी जागरूक होना चाहिए। हमारे ग्रुप का निरंतर यही प्रयास रहेगा कि हम लोगों में जागरूकता फैलाएं। क्योंकि किताबें ज्ञान का भंडार है और ज्ञान वही है जो अधिक से अधिक बांटा जा सके, ज्ञान बांटने से बढ़ता है। गिरधारी चौरे ने कहा कि हमारी इस पहल से शिक्षा का प्रचार प्रसार एवं लोगों का भला तो हो ही रहा है साथ ही प्रकृति का भी भला होगा । आप सभी इटारसी वासियों एवं नर्मदापुरम जिले के वासियों से अनुरोध करते हैं कि वे हमारे इस पुनीत कार्य में अपना सहयोग प्रदान करें।