स्टेट फॉरेस्ट रेंज ऑफीसर्स एसोसिएशन ने दीर्घकालिक लंबित मांगों को लेकर सांसद प्रतिनिधि को सौंपा ज्ञापन
योगेश चौरसिया जिला ब्यूरो
मण्डला -स्टेट फारेस्ट रेंज ऑफिसर्स एसोसिएशन ने अपनी दीर्घकालिक लंबित मांगों को लेकर राज्यपाल के नाम मण्डला विधायक प्रतिनिधि को ज्ञापन सौंपा है। स्टेट फारेस्ट रेंज ऑफिसर्स एसोसिएशन मध्यप्रदेश की दीर्घकालिक लंबित मांगों पर शासन द्वारा आज दिनांक तक किसी प्रकार का कोई निराकरण नही किया गया है। इन मांगों के संबंध में आज से 5 वर्ष पूर्व तत्कालीन वन मंत्री गौरीशंकर शेजवार द्वारा मांगे पूर्ण कराने का लिखित आश्वासन दिया गया था, परंतु आज 5 वर्ष पूर्ण होने के पश्चात भी शासन द्वारा कोई कार्यवाही इस संबंध में नहीं की गयी है, जो रेंजर कैडर को पूर्ण रूप से हतोत्साहित करते हुए आंदोलन के लिए विवश करती है। रेंजर कैडर एक बार पुनः शासन का ध्यान इस ओर आकर्षित करते हुए लंबित माँगो के निराकरण हेतु निवेदन करता है।
इनकी मुख्य मांगे हैं –
रेंज ऑफिसर का प्रशिक्षण काल से सेवाकाल में जोडा जाए, जैसे कि मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग से एक ही परीक्षा से चयनित सहायक वन संरक्षक संवर्ग को प्रथम नियुक्ति दिनांक से शासकीय सेवा में माना जाता है एवं भारत के अन्य राज्यों के रेंज ऑफिसर्स जो मध्यप्रदेश के रेंज ऑफिसर्स के साथ प्रशिक्षण लेते है उन्हें भी प्रशिक्षण के प्रथम नियुक्ति दिनांक से शासकीय सेवा काल में सम्मलित किया गया है परंतु मध्यप्रदेश के रेंजर संवर्ग को प्रशिक्षण काल के 15 वर्ष के उपरांत शासकीय सेवा काल में सम्मिलित किया जाता है। जिसके लिए शीघ्र ही उक्त व्यवस्था को रेंजर संवर्ग के लिए संशोधित किया जाना अपेक्षित है। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग से सीधी भर्ती से चयनित रेंज ऑफिसर द्वितीय श्रेणी राज्यपत्रित अधिकारी का सेवा में चयन 3600 ग्रेड पे पर किया जाता है, जबकि इसी प्रकार म०प्र० लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित द्वितीय श्रेणी राजपत्रित अधिकारी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत एवं सहायक लोक अभियोजन अधिकारी का चयन सीधा 4200 ग्रेड पै पर किया जाता है।
साथ ही रेंज ऑफिसर्स के वेतनमान के संबंध में भारत सरकार पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के पत्र क्रमांक 11011 / 1 / 2006 / डी आई आर (आई एफ एस ) दिनांक 25.01.2007 के अनुक्रम में एकरूपता को वेतनमान के संबंध में अनुशंसा की गई है बावजूद इसके अन्य राज्यों के रेज ऑफिसर्स की तुलना में मध्यप्रदेश ऑफीसर्स को कम वेतन दिया जा रहा है। इसी प्रकार रेंज ऑफिसर्स का प्रारंभिक वेतनमान सातवे वेतनमान के मेट्रिक्स 10 में लाते हुए रेंज ऑफिसर्स को बेतनमान 42700 किया जाये। साथ ही समस्त मैदानी वन अमले (वनरक्षक से लेकर रेंजर तक ) वेतनमान को भी निम्नानुसार बढाया जाये एवं कम्प्यूटर ऑपरेटर का नियमितिकरण किया जाये। रेंज ऑफिसर्स को 4200 ग्रेड पे पर भर्ती कर प्रथम समयमान वेतन 8 वर्ष उपरांत 5400 (छटवे वेतनमान अनुसार) के पद में बढ़ाया जाये। रेंज ऑफिसर्स के सेवा शर्तों में उपरोक्त संसोधन के साथ राजपत्र में प्रकाशित किया जाए ताकि उनके अनुसार संवर्ग को लाभ मिल सके। रेंज ऑफिसर्स एवं समस्त मैदानी वन अमले को वन एवं वन्यप्राणी सुरक्षा के समय दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 45 के तहत सशस्त्र बल घोषित किया जाए।आवश्यकतानुसार शस्त्र चलाने की अनुमति हेतु दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 197 के तहत पर्याप्त संरक्षण प्रदान किया जाये। रेंज ऑफिसर्स द्वितीय श्रेणी राजपत्रित अधिकारी से राशि रूपये 40000/- की प्रतिभूति राशि जमा कराई जाती है जो तृतीय श्रेणी के लिए लागू है। जबकि वर्तमान में रेज ऑफिसर को संवितरण का अधिकारी नहीं है। अतः इस व्यवस्था को तत्काल समाप्त किया जाये। प्रशिक्षण काल की वेतन वृद्धि का लाभ तुरंत प्रदान किया जावे एवं मध्यप्रदेश के विभिन्न वन मंडलों में व्याप्त विषमताओं को दूर करने हेतु वित्त विभाग द्वारा अनुमोदन कराते हुए इसको तुरंत राजपत्र में प्रकाशित किया जावे। रेज ऑफिसर्स को पदोन्नति के स्थान पर अगर सहायक वन संरक्षक का कार्यवाहक प्रभार दिया जाता है तो समस्त वेतन एवं भत्ते उच्चतर पद के अनुरूप हो साथ ही वैधानिक रूप से पदानुसार सहायक वन संरक्षक को प्राप्त समस्त प्रकार की कार्यवाही के अधिकार प्रदान किये जावे ।