कलेक्टर ने जिले को जल अभावग्रस्त क्षेत्र किया घोषित
सुनील यादव जिला ब्यूरो
कटनी -कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट अवि प्रसाद ने मंगलवार को मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986, संशोधन अधिनियम 2002 में धारा 3 में प्रदत्त शक्तियों को उपयोग में लाते हुये प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर जिले के सभी विकासखण्डों एवं नगरीय व शहरी क्षेत्रों को तत्काल प्रभाव से 31 जुलाई या आगामी आदेश तक जल अभाव ग्रस्त क्षेत्र घोषित कर दिया है। कलेक्टर श्री प्रसाद द्वारा जारी आदेशानुसार कोई भी व्यक्ति बिना अनुमति के जल अभाव ग्रस्त क्षेत्र में शासकीय भूमि पर स्थित जल स्त्रोतो में पेयजल तथा घरेलू प्रयोजनों को छोड़कर अन्य किसी प्रयोजनों के लिए नहरों मंे प्रवाहित जल के अलावा अन्य स़्त्रोतों का दोहन किन्ही भी साधनों द्वारा जल उपयोग नही करेगा। जिले के समस्त विकासखंडो एवं नगरीय व शहरी क्षेत्रों में समस्त नदी, नालों स्टापडैम, सार्वजनिक कुओं तथा अन्य जल स्त्रोतो का उपयोग घरेलू प्रयोजन हेतु तत्काल प्रभाव से सुरक्षित किया गया है। नवीन नलकूप के निर्माण के लिये संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व से पूर्वानुमति लेना अनिवार्य होगी, शासकीय नलकूप खनन पर उक्त आदेश लागू नहीं होगा। निजी भूमि पर नलकूप खनन कराने हेतु निर्धारित प्रारूप एवं शुल्क के साथ संबंधित अनुविभागीय अधिकारी को आवेदन देना होगा। अनुविभागीय अधिकारी द्वारा आवश्यक जांच एवं परीक्षण की कार्यवाही कर अनुमति हेतु संबंधित क्षेत्र के सहायक यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से अनुशंसा प्राप्त करेगें, आवश्यकता पडनें पर जनहित मे संबंधित अनुविभागीय अधिकारी राजस्व उस क्षेत्र के निजी पेयजल स्त्रोत को पेयजल परिरक्षण संशोधित अधिनियम 2022 के प्रावधानों के अधीन निश्चित अवधि के लिए अधिग्रहण कर सकेगें। जिले में यह प्रतिबंधात्मक आदेश तत्काल प्रभाशील हो गया है। आदेश का उल्लंधन करने वालों के विरूद्ध मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा -9 एवं भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के तहत दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी।