प्रथम कृति प्रकाशन पर आकांक्षा पटले का सम्मान
दीनू पवार की रिपोर्ट
प्रथम कृति प्रकाशन पर आकांक्षा पटले का सम्मान
पुष्प गुच्छ, श्रीफल, साहित्य और प्रोत्साहन राशि प्रदत्त
आकांक्षा पटले द्वारा किया गया रचना पाठ
भोपाल। सतपुड़ा संस्कृति संस्थान भोपाल द्वारा आयोजित गरिमामय आयोजन में कु आकांक्षा पटले का प्रथम कृति प्रकाशन पर सम्मान
किया गया। आपकी प्रथम कृति साहित्य अकादमी द्वारा चयनित और प्रदत्त प्रकाशन राशि से प्रकाशित हुई है।
श्री एस एन डागाभेल ईडी, श्री अवध किशोर पवार डिप्टी कमिश्नर आयकर,
वरिष्ठ साहित्यकार श्री लक्ष्मी नारायण पयोधि द्वारा
और श्री पी एल बाऱंगे एक्जेक्यूटिव इंजीनियर, श्री भंवरलाल श्रीवास संपादक, कला समय, श्री अशोक डहारे,संस्थापक अस्मिता वेलफेयर द्वारा कु आकांक्षा पटले को पुष्प गुच्छ, श्रीफल, साहित्य और प्रोत्साहन राशि प्रदत्त कर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर कु आकांक्षा पटले द्वारा जिस रचना का पाठ किया गया वह प्रस्तुत है- शीर्षक – माँ
मेरी सेहत, सूरत, शीरत
मेरी आदत और इबादत
मेरी चाहत और बगावत
मेरे ख्वाब और शिकायत
मेरा सुकून और राहत.
बिन कहे कुछ भी उससे,
वह सब कुछ जान जाती है
माँ आँखें पढ़ती है मेरी
और यादों मे खो जाती है,
मै दूर रहूँ जब माँ से तब
वह चैन से न सो पाती है.
बिन मेरे जिस्म ही है वह
मुझमें रूह बसा बैठी है,
धरती मे माँ रहती है
कदमों में जन्नत ला बैठी है,
एक वर्ण का परिचय है माँ
सबसे महान अस्तित्व है माँ
आंचल से सुकून बरसता है
गोदी में ममत्व पिघलता है,
आंखों से प्यार झलकता है
मेरा आज जिसके साये में पलता है,
मेरा कल उससे संवरता है,
कितना कुछ लिखने को है
कैसे लिखूँ ? लिखने को,
माँ के दुलारे के बारे में,
ब्रह्मांड भी छोटा पड़ता है।