हारी हुई सीटों और लगभग 40 सीटों पर इसी महीने में सहमति बनाकर प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर सकती है कांग्रेस

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अनुराग मिश्रा जिला ब्यूरो 
हारी हुई सीटों और लगभग 40 सीटों पर इसी महीने में सहमति बनाकर प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर सकती है कांग्रेस
 विधानसभा चुनाव से काफी पहले कांग्रेस जून में कर सकती है यह ऐलान
 कमलनाथ सोमवार 17 अप्रैल को लेंगे बैठक
भोपाल। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बावजूद मंत्री और विधायकों के त्यागपत्र से भाजपा की सरकार बनने के घटनाक्रम के मद्देनजर इस बार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ हारी हुई सीटों और लगभग 40 सीटों पर चुनाव के 5 माह पूर्व जून माह में उम्मीदवारों की घोषणा कर सकते हैं ? इस बार उनका फोकस कांग्रेस के प्रति निष्ठा रखने वाले उम्मीदवारों पर रहेगा ताकि भविष्य में दोबारा विश्वासघात का सामना ना करना पड़े।
मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर कांग्रेस ने अपनी कमर कस ली है। इस चुनाव में कांग्रेस पूरी ताकत के साथ प्रदर्शन को तैयार है। इसीलिए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कई विधानसभा सीटों के लिए उम्मीदवार जून में ही घोषित करने का मन बना लिया है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि उम्मीदवारों को अधिक से अधिक समय अपने क्षेत्र में मेहनत करने के लिए समय मिल सके। विशेषकर जिन सीटों पर पिछले चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था, उन सीटों पर कांग्रेस संगठन विशेष फोकस देने जा रहा है।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस ऐसा क्यों कर रही है ?
कहावत है कि दूध का जला छाछ भी फूंक-फूंक कर पीता है, उसी का उदाहरण कांग्रेस के अंदर देखने को मिल रहा है। पिछले चुनाव में सरकार बनाने के बावजूद भी 15 महीने बाद ही ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में चले जाने से कांग्रेस की सरकार चली गई थी, इसीलिए इस बार कांग्रेस पांच महीने पहले ही प्रत्याशियों को घोषित कर पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में वापसी के सपने देख रही है।
इसी के चलते 17 अप्रैल को पीसीसी चीफ कमलनाथ ने एक महत्वपूर्ण बैठक का ऐलान किया है। इसमें पार्टी के तमाम आला अधिकारियों को आमंत्रित किया गया है।
सूत्रों के अनुसार हारी हुई सीटों और लगभग 40 सीटों पर इसी महीने में सहमति बनाकर प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की जा सकती है।
कमलनाथ सोमवार को होने वाली बैठक में कई बड़े मुद्दों को लेकर अपने कार्यकर्ताओं से चर्चा करेंगे और उन्हें सीधे निर्देश देंगे। इसके साथ ही साथ कांग्रेस संगठन ने अपने चुनावी वादों को आम जनता तक पहुंचाने को लेकर रणनीति तैयार करना शुरू कर दिया है.
कांग्रेस का चुनावी वादा
एक्सपर्ट बताते हैं कि कांग्रेस अपने मुद्दों को जमीन पर बनाने में अक्सर असफल रह जाती है, इसीलिए कांग्रेस इस बार कोई कोर कसर छोड़ना नहीं चाहती बल्कि अपने चुनावी वादों एवं घोषणा पत्र को वक्त से पहले ही जनता तक पहुंचाना चाहती है, ताकि उसका संदेश आम लोगों में आसानी से पहुंच सके आमतौर पर चुनाव की तैयारी में बीजेपी कांग्रेस से अधिक सक्रिय दिखती है लेकिन इस बार कांग्रेस भी पूरे दमखम के साथ मैदान में उतरने वाली है।
प्रदेश कांग्रेस का मुख्य फोकस अपनी उन हारी हुई सीटों पर है, जिसके कारण बहुमत प्राप्त करने में अड़चन आ सकती है। इसीलिए कांग्रेस ने अपने दिग्गज नेताओं को हारी हुई सीटों के दौरे पर उतार दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह हारी हुई सीटों का दौरा कर रहे हैं। इसके साथ ही साथ वो सेक्टर की बैठकों पर फोकस कर रहे हैं। इन सब बातों से कांग्रेस की तैयारी का अंदाजा लगाया जा सकता है।