खबर काम की – तत्काल लोन एप का उपयोग करते है तो सावधान

3 इंस्टेंट लोन के लालच में न आएं और इन एप के इस्तेमाल से बचें। ये एप आपकी पर्सनल जानकारी भी चुरा सकती हैं।
4 किसी भी तुरंत लोन देने वाली एप कंपनी पर भरोसा न करें। ऐसे किसी भी एप को डाउनलोड करने से पहले उस एप की विश्वसनीयता की जांच जरूर कर लें।
5 इन एप को इस्तेमाल करने से पहले इनकी सुरक्षा संबंधी सभी पेरामीटर को ध्यान से पढ़े और इन एप को स्टोरेज और कॉन्टैक्ट को एक्सेस करने की अनुमति न दें।
6 इन एप पर अपने किसी भी डॉक्यूमेंट्स और निजी जानकारी को अपलोड न करें।
7 इन एप पर अपनी बैंक संबंधी जानकारी जैसे बैंक अकाउंट, एटीएम और यूपीआई की जानकारी को शेयर न करें।
कुछ व्यक्ति गूगल पर मौजूद कस्टमर केयर का नंबर सर्च करके इस्तेमाल करते हैं। कुछ मामलों में पीड़ित खुद कुछ समस्याओं के समाधान के लिए कस्टमर केयर को कॉल करता है। ऐसे में धोखाधड़ी करने वाले का मकसद पीड़ित के मोबाइल फोन पर एनी डेस्क या टीम वीवर एप डाउनलोड करने के लिए बाध्य करना होता है। कोई भी एप डाउनलोड करने के बाद धोखाखड़ी करने वाले को 9 अंकों के रिमोट डेस्क कोड की आवश्यकता होती है। इसलिए वह उसके लिए पीड़ित से पूछताछ करेगा। एक बार जब पीड़ित 9 अंकों वाला कोड बता देता है और एप की अनुमति दे देता है तो धोखाधड़ी करने वाले को अपने डिवाइस पर पीड़ित के डिवाइस की स्क्रीन देखने को मिल जाएगी और इसे वह रिकॉर्ड भी कर सकता है। जब वह अपने बैंकिंग या यूपीआई एप का आईडी या पासवर्ड टाइप करता है तो ठग उसे नोट कर लेता है। यह एप फोन के लॉक होने पर भी बैकग्राउंड में काम करता है। एंड्रायड फोन पर एनीडेस्क एप आसानी से धोखाबाज व्यक्ति को उसकी जानकारी के बिना पीड़ित के फोन की स्क्रीन को देखने और रिकॉर्ड करने की अनुमित देता है। दूसरी तरफ आईफोन एनीडेस्क एप को आईओएस को पीसी में डालने की अनुमति नहीं देता है। कोई भी व्यक्ति साइबर अपराध से संबंधित किसी प्रकार की शिकायत के लिए हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क कर सकता है।