आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन एवं क्षय विषय पर मीडिया कार्यशाला आयोजित

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अनुराग मिश्रा जिला ब्यूरो 

बैतूल-आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम), प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान एवं मीजल्स रूबेला निर्मूलन अभियान विषयों पर मीडिया कार्यशाला का आयोजन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुरेश बौद्ध की अध्यक्षता में शुक्रवार 31 मार्च को पुराना नर्सिग प्रशिक्षण केन्द्र (एएनएम ट्रेनिंग सेंटर) के सभाकक्ष में किया गया।
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के बारे में जानकारी दी गई कि सभी नागरिकों की हेल्थ आईडी बनाने का कार्य दु्रत गति से किया जा रहा है। इस हेल्थ आईडी के माध्यम से सभी नागरिकों की मेडिकल हिस्ट्री ऑनलाइन रहेगी, जिसे आवश्यकता पडऩे पर चिकित्सालय में डॉक्टर द्वारा आसानी से देखा जा सकेगा और उस व्यक्ति के उपचार में आसानी होगी। आभा आईडी (आयुष्मान भारत हेल्थ एकाउण्ट) के माध्यम से नागरिकों के स्वास्थ्य का डाटाबेस तैयार होगा, यह हेल्थ आईडी पूर्णत: नि:शुल्क बनाई जा रही है। आयुष्मान मित्र एवं कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स के माध्यम से इसे बनवाया जा सकता है। नागरिक स्वयं भी गूगल पर जाकर अपनी आईडी जनरेट कर सकते हैं। आभा आईडी में हेल्थ से जुड़ी डिजिटल जानकारी रहेगी जिसमें लेब रिपोर्ट, नुस्खे और निदान जैसे मेडिकल रिकार्ड तक आसान पहुंच संभव है। इस आईडी के बनने से मरीज को उपचार में आसानी होगी।


आभा आईडी जनरेट करने का तरीका हेल्थ आईडी एनडीएचएम डॉट जीओव्ही डॉट आईएन लिंक पर क्लिक करने के बाद क्रियेट आभा नम्बर लिंक आयेगी। इस लिंक पर क्लिक करने के बाद पंजीयन के लिये आधार या ड्रायविंग लायसेंस ऑप्शन आयेगा। आधार ऑप्शन क्लिक करने पर आधार नम्बर की प्रविष्टि करनी होगी और इसके बाद एक पजल आयेगा। इसको जोडक़र लिखने के बाद पंजीकृत मोबाइल नम्बर पर ओटीपी आयेगा। इस ओटीपी की प्रविष्टि करते ही आभा नम्बर प्रदर्शित करने लगेगा, इसको कार्ड के रूप में डाउन लोड किया जा सकेगा। यह आईडी 14 अंकों की होगी। बैतूल जिले ने अब तक 152374 आभा आईडी बनाई हैं, जो प्रदेश में सर्वाधिक हैं।
कार्यशाला में राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम की भी जानकारी दी गई। क्षय रोग संक्रामक बीमारी है, इसकी शीघ्र पहचान कर पूर्ण उपचार लेना अति आवश्यक है। जिले में सीबी नेट एवं ट्रू नेट मशीन से टीबी रोग की मुफ्त में जांच की सुविधा जिला एवं ब्लाक स्तर पर उपलब्ध है। टीबी रोग के मरीजों को इलाज के दौरान 500 रुपए प्रतिमाह निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत प्रदान किये जाते हैं। टीबी के डॉट्स इलाज को छ: माह तक पूर्ण करना आवश्यक है। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत सामुदायिक सहायता हेतु निक्षय मित्र बनकर टीबी के मरीजों को फूड बास्केट वितरण संबंधी जानकारी भी प्रदाय की गई। बैतूल जिले ने सब नेशनल सर्टिफिकेशन में सिल्वर मेडल प्राप्त किया है, यह उपलब्धि क्षय के केसेज में कमी आने पर प्राप्त हुई है।
मीजल्स रूबेला निर्मूलन अभियान की जानकारी देते हुये बताया गया कि मीजल्स जानलेवा रोग है। यह बीमारी संक्रमित बच्चे की खांसी के ड्रापलेट के माध्यम से फैलती है। इसके लक्षण 7 से 14 दिनों में दिखाई देते हैं। रूबेला बीमारी से गर्भवती स्त्री के गर्भ में पल रहा बच्चा अंधा, बहरा, मंद बुद्धि पैदा होता है। मीजल्स रूबेला से बचाव हेतु बच्चों को दो बार टीका लगवाकर इस बीमारी से आजीवन सुरक्षा दे सकते हैं। पहला टीका 9 से 12 माह में एवं दूसरा टीका 16 से 24 माह में लगवाया जाता है। मीजल्स रूबेला के निर्मूलन में कुप्रथा, अंधविश्वास एवं मान्यताएं बाधा हैं, जिनके कारण न सिर्फ लोग रोग को छिपाते हैं बल्कि गलत उपचार भी करते हैं, इसलिये कुप्रथाओं से बचें। यह टीका बहुत सुरक्षित और उपयोगी है, यह टीका सभी सरकारी अस्पतालों में पूर्णत: नि:शुल्क लगाया जाता है।
कार्यशाला में सिविल सर्जन डॉ. अशोक बारंगा, डीएसओ डॉ. राजेश परिहार, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. अरविन्द कुमार भट्ट, आरएमओ डॉ. रानू वर्मा, जिला क्षय अधिकारी डॉ. आनंद मालवीय, जिला मीडिया अधिकारी श्रीमती श्रुति गौर तोमर सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, कर्मचारी एवं पत्रकारगण मौजूद रहे।