अब नोबल अस्पताल में खुला सशक्त सुरक्षा पैड बैंक

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गौरी बालापुरे पदम् 

महिला रोग विशेषज्ञ ने अस्पताल के स्थापना दिवस पर की पहल
बैतूल। मासिक धर्म एवं इससे जुड़ी परेशानियों को लेकर अब आदिवासी जिले में चर्चाएं होने लगी है। खुले मंचों पर मासिक धर्म, सेनेटरी पैड और इससे जुड़ी भ्रांतियों पर भी अब बातें होती है। यह संभव हो पा रहा है बैतूल सांस्कृतिक सेवा समिति के सशक्त सुरक्षा अभियान के कारण। पैड के प्रति जागरुकता के साथ-साथ इसकी हर जगह उपलब्धता भी जरुरी है ताकि महिलाओं-बालिकाओं को किसी तरह की असुविधा न हो। महिला दिवस के अवसर पर जहां संस्था द्वारा थानों में पैड बैंक की शुरुआत की वहीं इस पहल से प्रेरित होकर जिले के प्रसिद्ध नोबल हॉस्पिटल एवं सोनोग्राफी एक्स-रे सेंटर, बैतूल की संचालक डॉ भारती सरियाम द्वारा अपने अस्पताल के स्थापना दिवस पर पैड बैंक की शुुरुआत की। इस अवसर पर अस्पताल के संचालक डॉ गोपाल सरियाम, डॉ भारती सरियाम एवं बैतूल सांस्कृतिक सेवा समिति की अध्यक्ष गौरी पदम एवं डॉ पूजा निरापुरे ने केक काटकर नोबल हॉस्पिटल की वर्षगांठ मनाई। कार्यक्रम में मप्र जन अभियान परिषद से सम्बद्ध नगर विकास प्रस्फुटन समिति महावीर वार्ड के पदाधिकारी एवं सदस्यों के अलावा कल्पना तरुडक़र, चेताली गौर, लीना देशकर डॉ पूजा निरापुरे एवं समस्त स्टॉफ मौजूद था।


मासिक धर्म के दिनों में खान-पान और स्वच्छता का रखे ध्यान
सशक्त सुरक्षा पैड बैंक के शुभारंभ अवसर पर मरीजों के परिजन भी कार्यक्रम में शामिल हुए। महिला स्टॉफ एवं अन्य लोगों को डॉ भारती सरियाम ने मासिक धर्म के दिनों में खान-पान एवं स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने के लिए कहा। उन्होंने बताया कि इन दिनों में आम दिनों की तुलना में थकान एवं कमजोरी महसूस होती है। कई बार अनियमित मासिक धर्म बड़ी बीमारी का कारण भी बन जाता है। पैड बैंक खुल जाने से अब अस्पताल के महिला स्टॉफ, मरीजों के परिजनों के अलावा अन्य लोगों को भी परेशान नहीं होना पड़ेगा। पैड बैंक की अवधारणा को जिले में मूर्त रुप देने वाली गौरी पदम ने कहा कि मासिक धर्म को लेकर आदिवासी अंचलों में कई तरह की भ्रांतियां व्याप्त है। इन भ्रांतियों को दूर करना भी जागरुक नागरिकों की जिम्मेदारी है। चेताली गौर ने नारी शक्ति के अस्तित्व एवं संघर्ष को बयां करती कविता का पाठ भी इस दौरान किया वहीं लीना देसकर एवं कल्पना तरुडक़र ने महिलाओं एवं बालिकाओं को मासिक धर्म के दौरान अपना ध्यान रखने के लिए प्रेरित किया और उन दिनों में आराम करने की सलाह दी।