बजट में वसूली कलेक्शन पर पूरा ध्यान -सुनील शर्मा
सूर्यदीप त्रिवेदी
आज पेश किए गए भारत सरकार के बजट में वसूली कलेक्शन पर पूरा ध्यान केंद्रित किया गया है
जीएसटी से कैसे वसूली बढ़ाई जा सकती है अन्य किसी प्रकार से सरकार की जमा पूंजी को कैसे बढ़ाया जा सकता है इस पर पूरी चिंता की गई
जबकि देश के सामने दो गंभीर समस्याएं हैं एक महंगाई की और दूसरी किसान के उपज के उचित मूल्य की महंगाई को कम करने के लिए किसी प्रकार के कोई प्रबंध पूरे बजट में दिखाई नहीं देते इसी तरह किसान को कोई राहत नहीं दी गई यह जरूर कहा गया है कि कृषि से इंडस्ट्री को जोड़ा जाएगा इसका मतलब साफ है कि इंडस्ट्रियलिस्ट उद्योगपतियों को फायदा होगा ना कि किसान को किसान को फायदा देने के लिए उत्पादन को बढ़ाने के लिए किसान को सब्सिडी के रूप में उपकरणों में मदद के रूप में सहयोग करना पड़ेगा जिसका इस पूरे बजट में कहीं कोई विचार नहीं है
रोजगार को लेकर के भी इसी प्रकार की बात कोई ठोस कदम दिखाई नहीं देते
हमारे देश को आज सड़क के इन्फ्रास्ट्रक्चर की पुल पुलीयो की ग्रामीण मार्गों की आवश्यकता है ना की एयरपोर्ट की एयरपोर्ट बनाने का प्रावधान रखा गया है जिससे बड़े-बड़े उद्योगपति छोटे-छोटे जिले के औद्योगिक क्षेत्रों को अपने कब्जे में कर सके और फ्रिक्वेंटली विजिट करके उस पूरे क्षेत्र को अपने कब्जे में ले सके यह व्यवस्था बनाने में सरकार उनकी मदद कर रही है
हम इसे किसानों के लिए बेरोजगारों के लिए और घर में बैठी महिलाओं के लिए जो महंगाई से जूझ रही हैं बजट को निराशाजनक मानते हैं