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हाई कोर्ट जबलपुर की निर्धारित पॉलिसी का विरोध

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मनोहर
  • पक्षकारों एवं अधिवक्तागण पर प्रतिकूल प्रभाव डालने का आरोप
  • जिला अभिभाषक संघ ने मुख्य न्यायाधिपति के नाम प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश को सौंपा ज्ञापन
बैतूल। हाई कोर्ट जबलपुर द्वारा हाल ही में वर्ष 2023 के लिए निर्धारित की गई पॉलिसी का अधिवक्ताओं द्वारा विरोध किया जा रहा है। गौरतलब है कि हाई कोर्ट जबलपुर द्वारा वर्ष 2023 के लिये पुराने 25-25 प्रकरणों के निराकरण के लिए तीन-तीन माह के चार चरणों की विहित समयावधि नियत किए जाने की पॉलिसी नियत की गई है। अधिवक्ताओं का कहना है कि हाई कोर्ट की यह पॉलिसी पक्षकारों एवं अधिवक्तागण पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली है।
मंगलवार को जिला अभिभाषक संघ ने जबलपुर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति के नाम प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश बैतूल को ज्ञापन सौंपकर पॉलिसी को समाप्त किए जाने की मांग की।
अभिभाषक संघ के अध्यक्ष ब्रजकिशोर पांडे ने बताया कि विगत वर्ष में अधिवक्तागण द्वारा पूर्ण सहयोग करते हुए कथित पॉलिसी के तहत 90 से 95 प्रतिशत मामलों का निराकरण कराया गया है। पुराने प्रकरणों के निराकरण के लिए यह पॉलिसी एक सीमित समय के लिए उचित प्रतीत होती है किन्तु इसका द्वितीय वर्ष में भी निरंतर वर्ष भर का प्रयोग करना किसी भी दृष्टि से न्याय प्रदान करने की परिधि में नहीं माना जा सकता है। जबकि इस पॉलिसी के कारण पीड़ित पक्षकार के अधिकार व उसकी प्रतिरक्षा का हनन हो रहा है और अधिवक्तागण भी निरंतर लागू की गई इस पॉलिसी से परेशान है।
— कुछ अवधि के लिए निलंबित की जाए पॉलिसी–
श्री पांडे ने बताया कि वर्ष 2023 की उक्त पॉलिसी में तीन-तीन माह की समय सीमा जो दी गई वह अत्यंत ही कम है जबकि पूर्व में यह समय सीमा चार या पांच माह की दी गई थी, कम समय सीमा में निश्चित रूप से चार एवं बेंच के मध्य संबंध अनुकूल रहेगें इस पर संदेह है। अभिभाषक संघ बैतूल द्वारा प्रस्तुत उपरोक्त अभ्यावेदन पर सहानुभूति एवं व्यवहारिक दृष्टिकोण से विचार करने के उपरांत विषयान्तर्गत पॉलिसी को समाप्त करने या विकल्प में कुछ अवधि के लिए निलंबित करने की मांग की है ताकि पक्षकार एवं अधिवक्तागण को कठिनाईयो से बचाया जा सके।