धर्मांतरित आदिवासी से वापस लेंगे सारे अधिकार -10 फरवर को प्रदेश सरकार का घेराव
सूर्यदीप त्रिवेदी
- धर्मांतरित आदिवासी से वापस लेंगे सारे अधिकार एवं आरक्षण- अनुछेद 342 मे धार्मिक प्रतिबंध कि मांग तेज -10 फरवरी 2023 को प्रदेश सरकार का घेराव !
- भीमपुर में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में इकट्ठा हुआ आदिवासी समाज
- धर्मातरित व्यक्ति को अनुसूचित जाति से बाहर करने की भरी हुंकार एवं अनु. 342 मे संसोधन कर धार्मिक प्रतिबंध कि मांग भी की गई
- संस्कृति और स्वाभिमान को बचाए रखने के लिए हुए एकजूट
- बैतूल जिले के भीमपुर विकासखंड मे हजारो की संख्या मे आदीवासीयो ने धर्मातरण के विरोध मे एकत्रित होकर नगर मे रैली निकाली और धर्मातरित व्यक्तियो को अनुसूचित जनजाति की सूचि से बाहर करने का अहवाहन सरकार से किया और इसके लिए चाहे आदिवासी समाज को भले ही किसी भी हद तक जाना पडे अब पीछे नही हटने का संकल्प आदिवासीयो द्वारा लिया गया।
भीमपुर में
हजारो की सख्या मे आदिवासी समाज इक्ठा हुआ और विषाल रैली निकाली।
रैली के पूर्व उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए मुख्यवक्ता के रूप मे जिला संयोजक श्री डॉ महेंद्र सिंह चौहान, प्रचार प्रसार प्रमुख श्री सीताराम चढ़ोकार, भीमपुर विकासखंड संयोजक श्री भैयालाल इरपाचे उपस्थित थे ।
क्रमशः गोंडी ,कोरकू एवं हिंदी भाषा में कहा गया कि धर्मांतरण से हमारी संस्कृति को तो खतरा है ही साथ ही इससे हमारे बच्चों का हक भी मारा जा रहा है। अपनी संस्कृति, आस्था, परंपरा को त्याग कर ईसाई या मुसलमान बन चुके लोग 80 प्रतिशत लाभ जनजाति समुदाय से छीन रहे हैं। धर्मांतरित होकर लोग दोहरा फायदा उठा रहे हैं। ऐसे सभी लोगों को जनजाति की सूची से हटाने की मांग को लेकर स्वर्गीय कार्तिक उरांव ने पहली बार 1966-67 में 235 सांसदों के हस्ताक्षर से युक्त ज्ञापन तत्कालीन प्रधानमंत्री को दिया था। श्री उरांव ने पुन: इस मुद्दे को 1970 में उठाया।
उस समय 348 सांसदों ने ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। किंतु इतने प्रबल समर्थन के बाद भी इस मुद्दे पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। उन्होंने कहा कि जनजाति सुरक्षा मंच इस मांग को लेकर लगातार पूरे देश में जनजागरण अभियान चला रहा है। सुरक्षा मंच ने पूर्व में भी सन 2009 में देशभर से 28 लाख लोगों का हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन तत्कालीन राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल को सौंपा था, लेकिन तब भी इस समस्या के निदान हेतु कोई कार्यवाही नहीं की गई। इसका मुख्य कारण था कि उस समय जनता अपने हक के लिए जागरुक नहीं थी, लेकिन आज जनजाति सुरक्षा मंच लोगों में चेतना लाने के लिए समाज के लोगों को प्रेरित कर रहा है। और अंतिम में जनजातीय सुरक्षा मंच के तत्वावधान में आगामी 10 फरवरी 2023 को भोपाल में म.प्र. सरकार की घेराव करने की चेतावनी भी दिया गया है।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से श्री मनीष कुमरे (मध्य भारत जनजाति सुरक्षा मंच शाहपुर संयोजक ), श्री अरविन्द धुर्वे (जनजाति सुरक्षा मंच संयोजक घोड़ाडोंगरी) डॉ महेंद्र सिंह चौहान जनजाति सुरक्षा मंच जिला संयोजक बेतूल, श्री भैयालाल इरपाचे जी (विकासखंड भीमपुर संयोजक ) मनीष वट्टी जी संयोजक,एवं समाज के भूमका सोमवार वरकड़े भगत, भूमका रेवालाल रामकीसन पन्द्राम भगत, भूमका बुध्दू , सुमित , भूमका दध्दु धुर्वे, भूमका, जुम्मन उईके राणू ध्रुर्वे भूमका भगत,मंच पे थे। जनपद सदस्य एवं सामाजिक बंधु उपस्थित रहे।