500 जोड़ो का सामूहिक विवाह करवाएगा आदिवासी समाज
ब्यूरो रिपोर्ट
- 500 जोड़ो का सामूहिक विवाह करवाएगा आदिवासी समाज
- खेड़ला किला में आयोजित हुआ आदिवासी समाज का भव्य पारिवारिक मिलन समारोह
- समाज के युवक-युवतियों ने मंच से बेझिझक दिया अपना परिचय
बैतूल। समस्त आदिवासी समाज संगठन के बैनर तले जिला मुख्यालय के खेड़ला किला आदिवासी गोंड राजा ईल की पावन धरा पर आदिवासी समाज का पारिवारिक मिलन समारोह, युवक-युवती परिचय सम्मेलन आयोजित किया गया। सर्वप्रथम समाज के भगत भुमकाओं के द्वारा खेड़ला किला में स्थित आदिवासी राजा ईल की सुमरनी पूजा-पाठ की, उसके बाद पड़ापेन सुमरनी कर सम्मेलन की शुरुआत की गई। परिचय सम्मेलन में 22 युवक-युवतियों ने मंच पर बेझिझक अपना परिचय दिया। सभी युवक युवतियों ने अपने बारे में एवं जीवन साथी के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें समाज के बच्चों ने मनमोहक प्रस्तुति दी व जोरदार तालियां बटोरी। समाज के द्वारा बच्चों को प्रोत्साहित राशि भी भेंट कर संगठन के द्वारा प्रमाण पत्र दिए गए। इस कार्यक्रम में बैतूल जिले के सभी सामाजिक संगठनों, सामाजिक बन्धुओं ने सहयोग दिया।
संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष दिलीप धुर्वे ने बताया अंतुलाल सिंह मर्सकोले अध्यक्षता में आयोजित सम्मेलन में मुख्य अथिति के रुप में जिला पंचायत उपाध्यक्ष हंसराज धुर्वे, भूमक संघ के जिला अध्यक्ष मदन चौहान, वरिष्ठ समाजसेवी चैताराम उइके, आकास के प्रांतीय सचिव सरवन मरकाम, डॉ.प्रीतम सिंह कुमरे, डॉ.राजा धुर्वे, आकास जिला अध्यक्ष शंकर सिंह आहके, भारतीय किसान संघ के जिला अध्यक्ष तिरु अशोक उइके, बैतूल पार्षद कायम कावरे , जनपद सदस्य धन्नू उइके, डॉ गोपाल सरियाम, डा.भारती सरयाम ,डॉ.रमेश काकोडिया, डॉ.शैलेंद्र पेंदाम, डा.रूपेश पदमाकर, युवा समाजसेवी प्रदीप उइके, समाजसेवी गीता उइके, समाजसेवी मन्नूलाल चिलाटे, गायक दिलीप पन्द्राम, गायक बंसत कवड़े, समाजसेवी अखिलेश कवड़े, युवा समाजसेवी राजेश कुमार धुर्वे, समाजसेवी अशोक धुर्वे, रिंदू धुर्वे, रेखा धुर्वे, समाज सेवी दिलीप धुर्वे, मांझी सरकार कोषाध्यक्ष श्रवण परते, दीपक सरियाम उपस्थित थे।
—आंदोलन में शहीद हुए आदिवासियों को दी श्रद्धांजलि—
1 जनवरी 1948 में खरसावा में अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे 30 हजार दिवंगत आदिवासियों को कार्यक्रम के दौरान श्रद्धांजिल दी गई। इसके बाद सुनील सलाम के द्वारा कार्यक्रम का उद्देश्य बताया गया। यह मिलन सामारोह सभी संगठनों के सहयोग से लगातार 7 वर्षो से मनाया जा रहा है। संगठन के द्वारा समाज हित आदिवासी सामुदायिक भवन शासन व समाज के सहयोग से बनाया गया, जो समाज के उपयोग आ रहा है। गोंडवाना साम्राज्य की वीरांगना रानीदुर्गवती दुर्गावती की प्रतिमा स्थापित की गई। साथ ही प्रकृति शक्ति पडापेन ठाना का भव्य विस्तार किया। समाज द्वारा आदिवासी सामूहिक विवाह कराया जाता है।
—शहीद की माता का किया सम्मान—
समारोह में समाज के वरिष्ठ व अतिथियों के द्वारा शहीद दिलीप उइके की माता का पीला गमछा व टीका लगाकर सम्मान किया गया। युवक-युवती परिचय का संचालन जितेंद्र सिंह इवने व शिवानी धुर्वे के द्वारा किया गया। इस परिचय सम्मेलन में 22 युवक युवतियों ने अपना परिचय दिया। सभी युवक युवतियों ने अपने बारे में एवं जीवन साथी के बारे में विस्तृत जानकारी दी। आदिवासी समाज ने भविष्य में बैतूल शहर में वीर क्रांतिकारी बिरसा मुंडा की प्रतिमा व 500 जोड़ो का आदिवासी सामूहिक विवाह करने की योजना बनाई है।
—युवा रहे नशे से दूर, संगठित होने का किया आह्वान—-
कार्यक्रम में पूर्व रेंजर यशवंत सिंह धुर्वे ने कहा कि समाज को नशा से दूर रहना चाहिए। समाज के नागरिकों को मिलकर अपने अधिकारों की लड़ाई लड़नी चाहिए। रिटायर्ड अधिकारी आई डी कुमरे ने कहा कि समाज को संगठित होकर ही समाज सेवा करना होगा। भुमक संघ के जिला अध्यक्ष अध्यक्ष मदन चौहान द्वारा समाज भाषा, संस्कृति परम्परा को बचाने की जरूरत व सभी सामाजिक कार्य आदिवासी भगत भूमकाओ से कराने के अपील की गई हैं। रिटायर्ड कार्यपालन यंत्री सोभीलाल धुर्वे के द्वारा बताया गया आदिवासी महापुरुषों से प्रेरणा लेकर समाज के उत्थान में योगदान दे, उनके बताए मार्ग पर चलने की सलाह दी। एमसीआई के डायरेक्टर राजा धुर्वे द्वारा समारोह में आए सभी मातृशक्ति पितृशक्ति ने अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने पर जोर दिया। पढ़ेगा इंडिया तो बढ़ेगा इंडिया का नारा दिया। आदिवासी संस्कृति व वेशभूषा को बचाने के लिए मंच पर राहुल कुमरे व प्रीति धुर्वे ने गोंड, माड़िया जनजाति के वेशभूषा में आकर सभी से अपनी आदिवासी सामाजिक पारंपरिक वेश भूषा में आने की अपील की। समारोह में भोजन प्रसादी कर समापन किया।
–कार्यक्रम में इनका रहा सराहनीय सहयोग—
मंच का संचालन सोहनलाल धुर्वे एवं आभार शंकर सिंह आहके के द्वारा किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में राजू उइके पूर्व सरपंच खेड़ली, घनश्याम धुर्वे ,बंटी उइके, मोहन धुर्वे, प्रवीण उइके ,कांति धुर्वे, भगत भुमक संघ के सोनू धुर्वे, नंदकिशोर धुर्वे, सूरज परते,मन्नूलाल, सौरभ सलामे ,भोला राम उइके , सुनील उइके, सुशीला धुर्वे, गणेशी ,मनीषा,अजय परते ,आकास ,जयस, बिरसा ब्रिगेड, माझी सरकार युवा आदिवासी विकास संगठन, गंजन सिंह कोरकू संगठन , आदिवासी विकास परिषद आदि संगठनों व कार्यकर्ताओं का विशेष योगदान रहा। समस्त आदिवासी समाज संगठन बैतूल कार्यक्रम को सफल बनाने वाले प्रत्यक्ष ब अप्रत्यक्ष रूप सहयोग करने वाले सभी संगठनों का आभार व्यक्त किया है ।