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विशाल भौरासे की रिपोर्ट 

घोड़ाडोंगरी -पार्ट -2
यूं तो घोड़ाडोगरी नगर परिषद में भ्रष्टाचार की पटकथा कुछ नई नही है किंतु एक नगर परिषद के वरिष्ठ अधिकारी का भ्रष्टाचार करने के बाद मीडिया के सामने उसका बेबाकी से बखान करना दर्शाता है कि इन्हें जिला प्रशासनिक अधिकारियों का कोई भय नहीं है। तभी तो नगर परिषद सीएमओ द्वारा बताया गया कि नगर परिषद में पांच कुशल श्रमिकों का वेतन पूर्व से निकाला जा रहा है और जिसमें दो कर्मचारियों का अध्यक्ष द्वारा अपने निजी हित के लिए उपयोग किया जा रहा है जो की एक सीधे तौर पर भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है क्या एक अधिकारी की नैतिक जिम्मेदारी नहीं बनती कि पूर्व से चले आ रहे हैं भ्रष्टाचार को उनके कार्यकाल में रोका जावे ना की उसे बढ़ावा दें क्या इसी विचारधारा को लेकर जिला प्रशासन द्वारा सीएमओ यादव को घोड़ाडोंगरी की कमान सौंपी गई थी। सारे विषय सोचने योग्य है। सोचना यह भी होगा की क्या इसके तार सिर्फ नगर परिषद घोड़ाडोंगरी नगर परिषद तक ही सीमित है या इसके ऊपर भी पैसों की मलाई पहुंच रही है नहीं तो खबर लगने के बाद भी जिला प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है चिंतनीय है।

सीएमओ साहब

सोचना तो यहां भी है कि अध्यक्ष जनप्रतिनिधि होकर जनता के पैसों को बखूबी निजी कार्य के लिए रखना कितनी बेशर्मी भरी बात है की जिस जनता ने आपको नगर के विकास के लिए भारी बहुमत से विश्वाश कर अध्यक्ष बनाया आप उन्ही जनता के पैसो का दुरुपयोग अपने निजी हित में अपने विकास में कर रहे हैं और जनता को विकास के नाम पर ठेंगा दिखा रहे हैं।

जब सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का

नगर परिषद घोड़ाडोंगरी के प्रभारी सी एम ओ पर यह कहावत एकदम परफेक्ट बैठती है, क्योंकि जब इस विषय पर संभागीय सयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन विभाग नर्मदा पुरम सुरेश बेलिया से चर्चा की गई तो उनका कहना है कि यहां छोटी-मोटी बातें आम है यहां सब निचले स्तर पर निपटा लेना चाहिए। एक बार वरिष्ठ अधिकारी भी भ्रष्टाचार के इतने संगीन मामले पर अपने बेतूके बयान मीडिया के सामने रख रहा है क्या भाजपा राज में यह सब देखने के लिए ही जनता ने भाजपा को अपना अमूल्य वोट दिया था।

इनका कहना था-
पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कि भाजपा नगर परिषद पार्षद राकेश नानकर द्वारा उक्त मुद्दा भाजपा से घोड़ाडोंगरी विधायक महोदय को बताया गया जिस पर विधायक महोदय द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायत की जावेगी कहा गया था पर किनसे?
जब वरिष्ठ अधिकारी ही उक्त मुद्दे को आम बताकर हवा दे दें तो कार्यवाई कैसी।

अब क्या कहना है –

जैसा आपने बताया वैसा एक दो लोग और मुझे बता चुके हैं सिद्धार्थ बिहारी जो की ऑथेंटिक है जो बैठक में उपस्थित थे जिन्हें विधायक मैडम ने विधायक प्रतिनिधि बनाया है आप उनसे यह स्टेटमेंट ले तो ज्यादा बेहतर रहेगा।

इनका कहना है –
राजेश महतो
मंडल अध्यक्ष भाजपा घोड़ाडोंगरी

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