जिले के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने लौटाया कोरोना योद्धा का सम्मान

ब्यूरो रिपोर्ट
- धरना स्थल से निकाली विशाल रैली
- सरकार के खिलाफ जमकर की नारेबाजी
- जिला उद्योग कार्यालय के सामने 9वें दिन भी जारी रही अनिश्चितकालीन हड़ताल
बैतूल। अपनी जायज मांगों को लेकर संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बैनर तले अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए कर्मचारियों की मांगे अब तक पूर्ण नहीं हुई है। इसके विरोध में हड़ताल के 9 वें दिन शुक्रवार को लगभग 400 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने कोरोना योद्धा का सम्मान सरकार को वापस देकर विरोध प्रदर्शन किया है। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष डॉ.गोविंद साहू ने बताया कर्मचारियों ने धरना स्थल से विशाल रैली निकाली, जो शिवाजी चौक, अंबेडकर चौक होते हुए सीएमएचओ कार्यालय पहुंची। इस दौरान कर्मचारियों ने सीएमएचओ को कोरोना योद्धा सम्मान वापस किया है। जिलाध्यक्ष ने बताया कोरोना काल में 24 घंटे अपनी जान की परवाह न करते हुए दिन-रात सेवा करने के फलस्वरूप मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वास्थ्य कर्मचारियों को कोरोना योद्धा के रूप में सम्मानित किया था एवं अपने हस्ताक्षर से सभी कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र दिया था, जिसे आंदोलनरत समस्त कर्मचारियों ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को सीएमएचओ कार्यालय जाकर लौटा दिया।

आंदोलनरत कर्मचारियों का कहना है कि शासन ने सर्टिफिकेट देकर सहानुभूति दिखाई है, लेकिन केवल सर्टिफिकेट से पेट नहीं भरता। मात्र सर्टिफिकेट देकर शासन अपनी जिम्मेदारी से नहीं मुकर सकता। हमें सर्टिफिकेट नहीं अच्छा वेतन चाहिए, जिससे हमारा, हमारे बच्चों का भविष्य सुधर सके। उल्लेखनीय है कि 15 दिसंबर से संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी 2 सूत्रीय मांग नियमितीकरण और 90 प्रतिशत वेतन दिए जाने को लेकर जिला उद्योग कार्यालय के सामने अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहे हैं। प्रतिदिन नए-नए तरीके अपना कर कर्मचारियों द्वारा धरना स्थल पर सरकार का ध्यान आकर्षण करवाया जा रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होगी अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी। अब हड़ताल कासर जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पर पड़ने लगा है। अपना उपचार कराने स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंच रहे मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बावजूद इसके सरकार ने अब तक संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की मांगों को लेकर कोई सकारात्मक पहल नहीं की है, जिससे इन कर्मचारियों में सरकार के प्रति नाराजगी बढ़ती ही जा रही है।