पत्रकारों ने की गृहमंत्री से मुलाक़ात -पत्रकार पर साजिश के तहत हमले में हो सकती है बड़ी कारवाही
मनोहर
भोपाल- बैतूल में विगत दिनों महिलाओ द्वारा षड़यंत्र पूर्वक एक समाचार पत्र के सम्पादक के ऊपर हमला कराने के साजिश का खुलासा होने के बाद अब गंज चौकी और कोतवाली पुलिस की भूमिका पर सवालिया निशान खड़े होने लगे है। पुलिस की वरिष्ठ अधिकारी की जांच रिपोर्ट में साजिश का खुलासा होने को ले कर की गए प्रेसवार्ता में पीड़ित पत्रकार पंकज सोनी ने शहर के दो व्यवसाइयों पर षडयंत्र रचाने के आरोप लगाए थे। शिकायत भी की लेकिन कोई कारवाही नहीं की गई। जिसके बाद नाराज पत्रकारों ने भोपाल पंहुच गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से मुलाक़ात कर मामले में जांच की मांग की है। जिसके बाद अब माना जा रहा है कि जिले की पुलिसिंग में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
पत्रकारों पर हमले होना कोई नई बात नहीं है। और मुक़दमे होना भी नई बात नहीं है। जब तक प्रेस मीडिया को सुरक्षा देने एवं उनके हितों की रक्षा करने प्रेस प्रोटेक्शन एक्ट लागू नहीं हो जाता ये होता रहेगा। अब आवश्यकता है की संगठित हो कर हर कलमकारो को प्रिंट , इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मिडिया के माध्यम से प्रति दिन ये मुहीम चलानी होगी और एक आर्टिकल रोज अपने लिए लिखना होगा। ये बात भी ध्यान दे की “जंगल में मोर नाचा किसने देखा” दिखने और बताने वाले आप ही है। और यदि आप ही उपेक्षित महसूस करते है। तो जंगल में मोर नहीं नाचेगा। तब तक जब तक प्रेस प्रोटेक्शन एक्ट लागू नहीं हो जाता। या इस पर चर्चा नहीं हो जाती।