आवारा कुत्तों का आतंक
ओमकार पटेल
एक गाय माता पूरी तरह से हष्ट पुष्ट दिख रही थी लेकिन लोगों को मारने को दोड रही थी गो पुत्र दिलीप चंद्रोल ने जाकर गाय को देखा गाय मुंह से झाग फेंक रही थी कुछ ही देर में गाय उठती और फिर बैठ जाती उठती ओर फिर बैठ जाती यह सिलसिला लगातार चलता रहा हालांकि देखकर इसके लक्षण रेबीज के लग रहे थे बहुत से केसो में अभी तक ऐसा ही हुआ है कि गाय माता कि रेबीज के कारण में अधिकांश 24 घंटे के अंदर मृत्यु हो जाती है इस केस में भी ऐसा ही हुआ डॉक्टर की टीम भी बुलाई गई डॉक्टर की टीम ने पुष्टि की यह रेबीज के लक्षण है अतः गाय माता ने रात 9:30 अपने दम तोड़ दिया सुबह माहिष्मती गौ सेवा रक्तदान संगठन की टीम ने गाय माता का हिंदू रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार किया जेसीबी मशीन सीवर लाइन मैं काम चल रहे ठेकेदार के अधिकारी कौशिक जी से मदद ली गई आज के गाय माता के अंतिम संस्कार में गो पुत्र दिलीप चंद्रोल के साथ सहयोगी रहे हिमांशु भारतीया, अनिकेत पटेल ,विजय बैरागी ,अमन निखर, वैभव निखर